कलेक्टर से तू-तड़ाक: आवेदन देने आई अतिथि शिक्षक भडक़ी, आत्महत्या की दी धमकी, 10 माह से वेतन नहीं मिलने की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट आई थी
- वेतन नहीं मिलने की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट आई थी जुन्नारदेव की अतिथि शिक्षिकाएं
- आवेदन पर जवाब नहीं देने पर भडक़ी
- आला अधिकारियों के सामने सुनाई खरी-खोटी
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। सोमवार दोपहर कलेक्ट्रेट परिसर मेें जमकर हंगामा मच गया। कलेक्टर को आवेदन देने आई जुन्नारदेव की अतिथि शिक्षक अचानक भडक़ गई। नौबत तू-तड़ाक तक आ गई। महिला ने प्रशासनिक आला अधिकारियों के सामने ही आत्महत्या की चेतावनी दी। मौके पर मौजूद महिला होम गॉर्ड सैनिकों ने महिला को समझाने का प्रयास किया। तकरीबन 15 मिनट के हंगामे के बाद जैसे तैसे मामला शांत हो पाया।
वाक्या दोपहर करीब डेढ़ बजे का है। टीएल की बैठक के बाद कलेक्टर शीलेेंद्र सिंह स्काऊट गाइड के बच्चों द्वारा परिसर में पक्षियों के पॉट लगाने जा रहे थे। इस दौरान जुन्नारदेव से आई अतिथि शिक्षकों ने उन्हें आवेदन देना चाहा। कलेक्टर अतिथि शिक्षकों का आवेदन लेकर वहां से जाने लगे। जिस पर एक महिला अतिथि शिक्षक ममता परसोई भडक़ गई। महिला का आरोप था कि हमारी सुनवाई किए बगैर कलेक्टर मौके से जा रहे थे। जबकि पिछले दस महीनें से उन्हें काम करने के बावजूद वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर से तू-तड़ाक से बात करने के बाद कलेक्टर श्री सिंह ने फटकार लगाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान महिला आत्महत्या करने और सुसाइड नोट में अधिकारियों का नाम लिखने की धमकी देने लगी। घटना के बाद होमगॉर्ड सैनिकों ने महिला को मौके से हटाया तब जाकर मामला शांत हो सका।
तीन विभागों के बीच झूल रहा था वेतन भुगतान
बताया जा रहा है कि अतिथि शिक्षकों के वेतन का मामला तीन विभागों के बीच झूल रहा था। जनजातीय कार्य विभाग के ब्लॉक जुन्नारदेव में मॉडल स्कूल संचालित है, लेकिन वेतन शिक्षा विभाग से देने की बात कही जा रही थी। अधिकारियों ने वेतन कहां से हो इस मसले को सुलझाने में दस महीने लगा दिए। बताया जा रहा है कि कलेक्टर तक भी पहले मामला आया था। जैसे-तैसे फाइल बनी तो ट्रेजरी ने भुगतान में अड़ंगा लगा दिया। अतिथि शिक्षक वेतन को लेकर परेशान हो गई थी। ब्लॉक से लेकर जिला अधिकारियों तक से शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा था।
घटना के बाद तुरंत ट्राइबल से कराया भुगतान
घटना के बाद जागे अफसरों ने महिला शिक्षकों का भुगतान ट्राइबल डिपार्टमेंट से ही कराया। नहीं तो दस महीने से ट्र्राइबल के अधिकारी एजुकेशन और एजुकेशन के अधिकारी ट्राइबल विभाग में महिला अतिथि शिक्षकों को पहुंचा रहे थे। दोपहर को हुई घटना के बाद ट्राइबल विभाग से आनन-फानन में अतिथि शिक्षकों को भुगतान किया गया। दरअसल, ये महिला अतिथि शिक्षक मॉडल स्कूल की है। इस कारण पूरी गफलत हुई।
इनका कहना है
मॉडल स्कूल की अतिथि शिक्षक है। जिनका भुगतान एजुकेशन डिपार्टमेंट से किया जाना था। हालांकि सोमवार को ही भुगतान कर दिया गया है।
- ओपी जोशी, बीईओ, जुन्नारदेव