मध्यप्रदेश: नई शिक्षा नीति की मंशा अनुरूप प्रत्येक बच्चे को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह
- स्कूल शिक्षा मंत्री ने शिक्षा नीति को लेकर दिया बयान
- स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने पर दिया जोर
- प्राईवेट स्कूल में बच्चों के एडमिशन का किया जिक्रा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। नवीन शिक्षा नीति में प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाई जायेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह आज मंत्रालय में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत प्रायवेट स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिये ऑनलाइन लॉटरी का शुभांरभ करने के बाद जिला मुख्यालयों पर उपस्थित पालकों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राज्य शिक्षा केन्द्र के यू-ट्यूब चैलन पर भी किया गया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से 30 जिलों के 33 लाख छात्रों को गणवेश की राशि करीब 137 करोड़ रुपये बैंक खातों में अंतरित की। इस मौके पर स्कूल शिक्षा विभाग के उल्लास कार्यक्रम के लिये तैयार किये गये मोबाइल एप की शुरूआत भी की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से देशभर में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहे हैं। इस कार्यक्रम में भी उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए करीब एक लाख 25 हजार बच्चों को प्रायवेट स्कूल में प्रवेश-पत्र उपलब्ध कराये गये हैं। संचालक एस धनराजू ने बताया कि प्रदेश में ऑनलाइन प्रक्रिया वर्ष 2016-17 से प्रारंभ कि गयी है। इस प्रक्रिया में पालकों को अपने पड़ोस में ही अच्छे प्रायवेट स्कूल में बच्चों के प्रवेश की सुविधा दी जा रही है। प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रखी गयी है।
प्रायवेट स्कूलों में बच्चों को मिला प्रवेश
कार्यक्रम में बताया गया कि इस वर्ष एक लाख 48 हजार बच्चों द्वारा आधार सत्यापन कर ऑनलाइन आवेदन जमा किये गये। इनमें 77 हजार 473 बालक तथा 71 हजार 22 बालिकाओं के आवेदन प्राप्त हुए। नर्सरी की कक्षाओं के लिये 92 हजार 398, के.जी.-1 के लिये 42 हजार 509, के.जी.-2 के लिये 1712 तथा कक्षा-1 के लिये 11 हजार 876 आवेदन मिले हैं। इन बच्चों से फार्म भरने के लिये कोई शुल्क नहीं लिया गया। दस्तावेज सत्यापन के बाद एक लाख 24 हजार 386 बच्चे पात्र पाये गये। इन बच्चों को इस वर्ष 23 मार्च तक अनिर्वाय रूप से प्रवेश दे दिया जायेगा।
उल्लास कार्यक्रम
कार्यक्रम में बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नवभारत साक्षरता में उल्लास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विशेष कक्षा लगाकर चयनित व्यक्तियों को साक्षर किया जा रहा है। इसके लिये प्रदेश में 2 बार मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की जा रही है। आज तैयार एप कार्यक्रम को और गति देगा।