जयंती विशेष: दादा माखनलाल की जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक बनेगी डॉक्यूमेंट्री : कुलपति प्रो. सुरेश

  • पत्रकारिता विवि में मनाई गई जयंती
  • देवर्षि नारद भारतीय ज्ञान खंड का लोकार्पण
  • छत्रपति शिवाजी महाराज क्रीडांगन _2 का हुआ लोकार्पण,

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-05 04:23 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल।माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में गुरुवार को दादा माखनलाल चतुर्वेदी जी की जयंती मनाई गई । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित माखनपुरम परिसर के विक्रमशिला परिसर के स्वामी विवेकानन्द सभागार में व्याख्यान का आयोजन किया गया । व्याख्यान की अध्यक्षता कुलपति प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश ने की। मुख्य वक्ता पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं साहित्यकार मनोज श्रीवास्तव थे। इसके साथ ही जयंती पर नालंदा पुस्तकालय में देवर्षि नारद भारतीय ज्ञान खंड एवं छत्रपति शिवाजी महाराज क्रीडांगन _2 का लोकार्पण भी कुलपति प्रो. सुरेश द्वारा किया गया ।

 

व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि दादा माखनलाल हमारे प्रेरणापुंज हैं । उन्होंने कहा कि दादा की स्मृति को जीवंत रखने के लिए हमने सामुदायिक रेडियो स्टेशन का नाम उनके द्वारा निकाले गए समाचार पत्र कर्मवीर के नाम पर रखा । प्रो. सुरेश ने कहा कि दादा के बाल्यकाल से लेकर युवा अवस्था एवं अंतिम क्षणों में वे जहां_जहां भी रहे हैं, उन स्थानों जिनमें, बाबई (माखननगर) नर्मदापुरम, खंडवा,भोपाल) आदि में जाकर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी । उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी ने दादा को एक भारतीय आत्मा कहा था । प्रो. सुरेश ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को और आगे ले जाने के लिए भारतीय भाषा विभाग आगामी सत्र से सिंधी भाषा में डिप्लोमा कोर्स शुरु करने जा रहा है, इसके साथ ही अगले साल मराठी भाषा में डिप्लोमा कोर्स शुरु किया जाएगा । देवर्षि नारद भारतीय ज्ञान खंड का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि यहां भारतीय ज्ञान परंपरा में देवर्षि नारद से लेकर अन्य ग्रंथ उपलब्ध हैं।

 

मुख्य वक्ता पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं साहित्यकार मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि दादा सकर्म साहित्यकार थे। उन्होंने सागर के रतौना आंदोलन का भी विशेष उल्लेख किया, जिसमें देश का एक बड़ा कसाईखाना खोला जा रहा था। जहां हर साल दो लाख गौवध होते, लेकिन दादा माखनलाल चतुर्वेदी जी की धारदार पैनी पत्रकारिता ने इसे बनने नहीं दिया। व्याख्यान का संचालन विशाखा राजुरकर एवं आभार प्रदर्शन भारतीय भाषा विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया । प्रस्तावना प्रो. शिवकुमार विवेक द्वारा रखी गई । विद्यार्थी नमन अटोलिया एवं अनन्या ने दादा की कविता पुष्प की अभिलाषा की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. डॉ अविनाश वाजपेयी, विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी,अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

 

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