गणेश जी की मूर्ति लेते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान, धन वर्षा के लिए ऐसी होनी चाहिए बप्पा की प्रतिमा

धर्म गणेश जी की मूर्ति लेते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान, धन वर्षा के लिए ऐसी होनी चाहिए बप्पा की प्रतिमा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-29 06:08 GMT
गणेश जी की मूर्ति लेते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान, धन वर्षा के लिए ऐसी होनी चाहिए बप्पा की प्रतिमा

डिजिटल डेस्क, भोपाल । 31 अगस्त को गणेश उत्सव मनाया जाएगा। मान्यता है कि भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति जी का जन्म हुआ था। हर साल गणेश उत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है। यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है। 10 दिनों बाद अनंत चतुर्दशी के गणपति जी का विसर्जन किया जाता है। इस बार गणपति जी का विसर्जन 9 सितंबर को किया जाएगा। सभी लोग अपने घर में बप्पा को लाने के लिए उत्साहित रहते हैं। उनके आगमन के लिए विशेष सजावट करते हैं, झांकियां बनाई जाती हैं। दस दिन तक भक्तजन विधि विधान से पूजा करते हैं। इस साल गणेश स्थापना मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 11.05 से दोपहर 1.38 तक है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की मूर्ति घर में स्थापित करने से सुख-शांति आती है। आप सभी को गणेश जी की मूर्ति लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कैसी होने चाहिए गणपति बप्पा की प्रतिमा। 


सूंड

आप सभी गणेश जी की मूर्ति लें तो आप उन की सूंड पर विशेष ध्यान दें। गणेश जी की सूंड हमेशा बाईं ओर होनी चाहिए। बाईं ओर सूंड वाली मूर्ति को वाममुखी गणपति कहा जाता है। क्योंकि बाईं ओर सूंड वाले गणेश जी को लाने से घर में सुख-शांति आती है, वहीं दाईं ओर सूंड वाले गणपति जी हठी माना गया है। इनको प्रसन्न करना कठिन होता है। 

रंग

जब भी आप अपने घर में गणपति जी लाएं तो सफेद या सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा को लाएं। यह रंग शुभ माना जाता है। सिंदूरी रंग के गणेश जी घर में लाने से समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है। घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा का विनाश हो जाता है। वहीं सफेद रंग की मूर्ति शांति का प्रतीक मानी जाती है। 

मुद्रा

गणेश जी को हमेशा बैठी हुई मुद्रा में ही लाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार बैठे गणपति धन का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोगों का कहना होता है, कि गणेश जी की बैठी हुई मूर्ति लाने से घर में बरकत बनी रहती है। इसी के साथ आप अपने कार्य स्थल आफिस में गणेश जी की खड़ी हुई मूर्ति लगा सकते हैं। मान्यता है इससे काम में तेजी आती है। ध्यान रहे कि खड़े गणेश जी के दोनों पैर जमीन को छुते हुए होना चाहिए। साथ ही इनका मुंह दक्षिण दिशा में न हो। 

मूषक

गणेश जी की मूर्ति खरीदते वक्त ध्यान रखे कि उसमें चूहा जरूर हो। मूषक यानी चूहा गणपति जी का वाहन है। मान्यता है बिना मूषक की गणेश मूर्ति की पूजा करने से दोष लगता है। 

 

डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर बताई गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

 

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