इस व्रत को करने से घर में आएगी सुख, शांति और समृद्धि, जानें पूजा विधि

स्कंद षष्ठी इस व्रत को करने से घर में आएगी सुख, शांति और समृद्धि, जानें पूजा विधि

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-05 08:55 GMT
इस व्रत को करने से घर में आएगी सुख, शांति और समृद्धि, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में कई सारे व्रत और त्योहार आते हैं, जिनमें से एक है स्कंद षष्ठी। यह व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पड़ता है। यानी कि पूरे साल में यह पर्व 12 बार आता है। इस दिन भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कुमार कार्तिकेय की पूजा करने का विधान है। इनको स्कंद भी कहा जाता है इसलिए इनको समर्पित इस तिथि को स्कंद षष्ठी कहा गया है। इस बार यह तिथि 06 मई, शुक्रवार को पड़ रही है। 

पौराणिक मान्यता के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। वहीं भगवान कार्तिकेय जीवन में आने वाली बाधाओं से भी दूर रखते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ हैं उन्हें भी इस दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा करने से लाभ मिलता है।

पूजा विधि
- सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पूजा आरंभ करें।
- पूजा में चंपा के पुष्प को अवश्य शामिल करें।
- इस दिन संपूर्ण शिव परिवार की भी पूजा की जाती है।
- इस दिन भगवान कार्तिकेय को मिष्ठान और पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
- स्कन्द षष्ठी के दिन व्रतधारी व्यक्तियों को दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करना चाहिए।

इस तिथि से जुड़ी प्रसिद्ध कथा  
राक्षस ताड़कासुर का अत्याचार हर जगह फैल गया था जिसके कारण सभी देवताओं को हार का सामना करना पड़ रहा था। एक दिन सभी देवता मिलकर ब्रह्म देव के पास पहुंचे और उनसे अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगे। ब्रह्म देव ने उन्हें बताया की ताड़कासुर का वध भगवान शिव के पुत्र के अलावा कोई नहीं कर सकता लेकिन माता सती के अंत के बाद शिवजी साधना में लीन हो गए थे। सभी देवता भगवान शिव के पास गुहार लेकर गए और शिवजी ने उनकी बात सुनकर पार्वती से विवाह किया। शुभ मुहूर्त में विवाह होने के बाद कार्तिकेय का जन्म हुआ और उन्होंने ताड़कासुर का वध किया। 

 

Tags:    

Similar News