मोहिनी एकादशी: भगवान विष्णु की इस पूजा से पूरी होगी मनोकामना
मोहिनी एकादशी: भगवान विष्णु की इस पूजा से पूरी होगी मनोकामना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष यह 03 मई रविवार यानी कि आज है। विष्णु भगवान को एकादशी तिथि प्रिय होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार मोहिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से हर प्रकार के पाप तथा दुःख मिट जाते हैं। यह व्रत मोह बंधन से मुक्ति दिलाता है। साथ ही मानव की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
इस एकादशी व्रत का पारण द्वादशी के दिन किया जाता है। मोहिनी एकादशी के दिन जलाशय का निर्माण, देवी-देवताओं की प्राणप्रतिष्ठा, घर में नववधु का प्रवेश, नव कार्य, वाहन क्रय-विक्रय, गृह प्रवेश, नवनिर्माण आदि कार्य किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस एकादशी के बारे में
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भगवान ने लिया था मोहनी रूप
शास्त्रों के अनुसार प्राचीन समय में देवता और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। जब इस मंथन में अमृत निकला तो इसे पाने के लिए देवता और दानवों में युद्ध होने लगा। तब भगवान विष्णु ने इसी तिथि पर मोहिनी रूप में अवतार लिया था। मोहिनी रूप में अमृत लेकर देवताओं को इसका सेवन करवाया था।
शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ: 3 मई 2020 को सुबह 9 बजकर 9 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 4 मई सुबह 6 बजकर 12 मिनट तक
पारण का समय: 4 मई को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट से शाम 4 बजकर 18 मिनट तक
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व्रत विधि
एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तिल का लेप या फिर तिल मिले जल से स्नान करना चाहिए। इसके बाद लाल वस्त्रों से सजे कलश की स्थापना कर पूजा करें। पूजा में भगवान विष्णु और श्रीराम की मूर्ति चित्र रखें। इस पूजा में दोनों को फल-फूल आदि चढ़ाएं। इसके बाद धूप-दीप जलाएं। पूजा के बाद प्रसाद वितरण कर ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। वहीं रात के समय भगवान का भजन तथा कथा का पाठ करें।