सरकार ने लोकसभा में पेश किया 'दिल्ली सेवा बिल', कांग्रेस ने किया विरोध, बताया सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ

  • लोकसभा में पेश हुआ बिल
  • विपक्ष ने किया हंगामा
  • लोकसभा को 3 बजे तक किया स्थगित

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-01 09:10 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों से जुड़ा 'दिल्ली सेवा बिल' आज केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से सदन में बिल पेश किया। बिल के पेश होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष ने बिल का जमकर विरोध किया। 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि, इस बिल को लाकर केंद्र सरकार संविधान को कमजोर कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अधीर रंजन ने कहा कि ये दिल्ली सरकार के अधिकारों को कम करने का प्रयास है, यह बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। वहीं आरएसपी नेता एनसी मुंशीप्रेमचंदन ने भी बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि, यह बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है। इसके जरिए निर्वाचित सरकार से फैसला लेने की प्रक्रिया को छीना जा रहा है।

बिल पर बोले अमित शाह

वहीं, बिल पेश होने से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान ने इस सदन को पूरी सत्ता दी है कि हम दिल्ली राज्य के लिए कोई कानून ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के पैरा 6, 95 और 164 एफ में स्पष्ट रुप से कहा है कि संसद दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के लिए कोई भी कानून बना सकती है, इसलिए बिल को लेकर जो आपत्तियां जताई, वह राजनीतिक हैं। 

बीजेपी के सामने राज्यसभा की चुनौती

लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है, यहां बिल आसानी से पास हो जाएगा। आंकड़ों पर नजर डालें तो लोकसभा में बीजेपी के 301 सांसद हैं, जबकि उसके नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में कुल 333 सांसद हैं। वहीं पूरे विपक्ष के पास लोकसभा में केवल 142 सांसद हैं।

बीजेपी के सामने असली चुनौती बिल को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में पास कराने की है। क्योंकि यहां बीजेपी के कुल 93 सांसद हैं और सहयोगी दलों को मिलाकर यह संख्या 105 हो जाती है। इसके अलावा पांच मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों के समर्थन के बाद बीजेपी के सपोर्ट में कुल 112 सांसद हो जाएंगे। इसके बावजूद भी सरकार को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 सांसदों के सपोर्ट और होगी। ऐसी स्थिति में बीजेपी को बीएसपी, जेडीएस, टीडीपी, बीजेडी या फिर वाईएसआर कांग्रेस की समर्थन की आवाश्यकता होगी।

हालांकि दिल्ली सेवा बिल पर बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार का सपोर्ट करने का फैसला किया है। दोनों ही पार्टियों के राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं ऐसे में सत्तापक्ष को उम्मीद है कि ये सभी भी उसे समर्थन करेंगे और बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा।

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