उठा सवाल: आत्महत्या, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री कब मुंह खोलेंगे

  • मोदी सरकार की अनदेखी की वजह से किसान परेशान
  • आत्महत्याएं, बढ़ती महंगाई, बढ़ता भ्रष्टाचार जैसे मुद्द पर चुप्पी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-27 12:39 GMT

डिजिटल डेस्क, यवतमाल. बीते 10 वर्ष में नरेंद्र मोदी सरकार की अनदेखी की वजह से किसानों के शोषण, उनकी दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्याएं, बढ़ती महंगाई, बढ़ता भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर नरेंद्र मोदी कब मुंह खोलेंगे? ऐसे सवाल किसान नेता और शिवसेना(ठाकरे गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता किशोर तिवारी ने किया। वे सोमवार की दोपहर को यवतमाल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले जिले के दाभड़ी गांव में चाय पे चर्चा यह कार्यक्रम लिया गया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्दारा दिए गए आश्वासन तथा वादे 10 साल बाद भी पूरी तरह जुमले साबित हुए हैं। भाजपा सरकार किसान, बेरोजगार और आम जनता को धोखा दे रही है, ऐसा आरोप इस वक्त तिवारी ने किया। इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने विभिन्न गंभीर और वास्तविक मुद्दों पर प्रकाश डाला है।

उन्होंने आगे कहा कि, अगर हम केंद्र में सत्ता में आए तो किसानों की आय डेढ़ गुना बढाएंगे, 2 करोड़ नौकरियां देंगे, महंगाई पर लगाम लगायेंगे, पेट्रोल, डीजल, गैस के दाम कम करेंगे, किसान आत्महत्या रूकेंगी और भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे ऐसी कई आश्वासन भाजपा ने उस वक्त दिए थे, लेकिन बीते 10 वर्षो में नरेंद्र मोदी सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है। एक तरफ कृषि पर खर्च दोगुना हो गया है, वही सरकार आज भी एमएसपी के तहत भाव देने को तयार नहीं है। कपास, सोयाबीन की कीमतों में गिरावट के बावजूद केंद्र सरकार की नोडल एजेन्सी सीसीआई और नाफेड माल खरेदी करने को तैयार नहीं। नाममात्र केंद्र खोलकर किसानों का मजाक उड़ाया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य पर का खर्च तीन गुना हो गया है। महंगाई के चलते आम जनता परेशान हैं। पेट्रोल, डीजल, गैस की कीमत आसमान छू रही है। हर जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है और इस गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कब मुंह खोलेंगे? ऐसा सवाल किशोर तिवारी ने आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूछा है। इसवक्त किसान वारकरी संघटन के सिकंदरा शहा उपस्थित थे।

खेती की ओर सरकार की अनदेखी : 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जिले के दाभडी में प्रधानमंत्री मोदी ने विदर्भ किसान खुदकुशी से मुक्त कराने का वादा किया था। किसानों के बुनियादी मुद्दे, समर्थन मूल्य, ऋण आपूर्ति, बुअाई खर्च कम करना, जमीन की उत्पादकता बढ़ाना, सिंचाई की व्यवस्था करना, कृषि क्षेत्र में नई तकनीक लाना, फसल प्रणाली में बदलाव करना जैसे वादे किए थे। तो 2019 में पांढरकवड़ा में लोकसभा चुनाव के पहले महिला स्वयं सहायता समूहों का कर्ज माफ करके 3 लाख का ब्याज मुक्त कर्ज देना और सभी आदिम आदिवासी बंजारा, घुमंतू समुदायों को पक्के मकान देने की घोषणा की थी। लेकिन बीते 10 सालों में जिले में किसान आत्महत्याए बढ़ी है। मायक्रो फायनान्स कंपनियां व सहकारी पत संस्था ने 18 से 24 फीसदी ब्याज वसूली कर महिला बचत गुट के माताओं-बहनों का जीवन सड़क पर लाया है। केंद्र सरकार की नीति सिर्फ बड़ी-बड़ी कॉरपोरेट सेक्टर की कंपनियों को लाखों करोड का मुनाफा पहुंचाने की है। लेकिन किसानों के सवाल के लिए उनके पास समय नहीं ऐसा आरोप नरेंद्र मोदी के चाय पे चर्चा कार्यक्रम के वाॅर रूम के सदस्य रहे किशोर तिवारी ने किए हैं।

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