शिकायत दर्ज: महिलाओं को दीं फटी साड़ियां, वस्त्रोद्योग महामंडल का दल पहुंच गया यवतमाल

  • महिलाओं ने दर्ज करवायी शिकायतें
  • फटी साड़ियां दीं
  • वस्त्रोद्योग महामंडल का जायजा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-14 13:41 GMT

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। सरकार के वस्त्रोद्योग मंडल व्दारा 355 रुपये दाम से साड़ियों की खरीदी कर राशन दुकानों से अंत्योदय के लाभार्थियों वितरित की जा रही है। लेकिन लाभार्थियों को फटी साड़ी मिलने की शिकायतें जिले की सभी तहसीलों से मिली है। जिसकी शिकायत पीड़ितों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से की थी। फटी साड़ी मिलने संदर्भ में अखबारों में समाचार भी छपे थे। इन शिकायतों को देखते हुए वस्त्रोद्योग महामंडल आयुक्त ने जांच के लिए एक दल गठित किया है। वस्त्रोद्योग मंडल विभाग के नागपुर के अधिकारी दत्तात्रय रोहनकर, प्रवीण कोल्हे का जांच दल मंगलवार को यवतमाल पहुंचा उनके साथ जिला आपूर्ति विभाग तथा तहसील में कार्यरत अधिकारी सीमा दोंदल व अन्य कर्मियों को जांच समिति में नियुक्त किया है। इस जांच दल ने मंगलवार की शाम से रात तक जिले में विभिन्न ग्रामों में भेंट देकर जांच की। लाभार्थी महिलाओं ने जांच समिति के अधकारियों को फटी हुई साड़ी दिखाकर अपना रोष व्यक्त किया। सरकारी योजना का हवाला देकर गरीबों का मजाक उड़ाने का आरोप उपस्थित महिलाओं ने किया। सरकारी योजना के तहत अंत्योदय के लाभार्थियों को इस्तेमाल की हुई फटी और गुणवत्ताहीन साड़ी का वितरण किया गया है। इस तरह योजना के नाम पर गरीबों के साथ सरकार व्दारा खिलवाड़ किया जा रहा है, ऐसा आरोप भी लगाया गया।

मनसे ने की थी शिकायत

मंगलवार को समिति व्दारा किए गए जांच के समय मनसे के अनिल हमदापुरे भी साथ थे। उन्होंने इसकी शिकायत की थी। इस समय मनसे कार्यकर्ता लकी छंगाणी, प्रथमेश मीठे, मयूर कारंजकर, सौरभ अनसिंगकर आदि उपस्थित थे।

जांच की रिपोर्ट वस्त्रोद्योग महामंडल के आयुक्त को भिजवायी

मंगलवार को समिति व्दारा किए गए जांच की रिपोर्ट वस्त्रोद्योग महामंडल के आयुक्त को आज बुधवार को भेज दी गयी है। मामले में दोषी अधिकारी और कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है।

साड़ी खोलने के बाद पता चलता है फटी होने का

पीडित लाभार्थियों ने फटी साड़ी को संबधित राशन दुकानदार के पास जमा कराने का आह्वान जिला आपूर्ति अधिकारी सुधाकर पवार ने किया है। उन्होंने कहा कि, ऐसी साड़ियों को बदलकर दिया जा रहा है।

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