यवतमाल: रेलवे ने नहीं दिया रास्ता इसलिए खेतों में पड़ी है किसानों की सोयाबीन
- किसानों ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार
- सांसद गवली ने दिए थे रास्ता देने के निर्देश
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. सोयाबीन पककर तैयार हो गया। जिससे किसानों ने उसे काटकर उसका ढेर खेतों में जमा दिया। मगर जहां से वर्धा-यवतमाल रेल लाइन बिछाई जा रही है वहां से इस लाइन के पास से जिन किसानों ने इस रेल लाइन के लिए खेत जमीन दी थी उन्हें रास्ता नहीं दिया गया है। जिससे खेत में काटकर रखी गई फसल घर कैसे ले जाए, यह चिंता किसानों को सता रही है। इस रेल लाइन के लिए जिन किसानों ने अपनी कीमती खेत जमीन अत्यल्प दाम में रेलवे को दी। उसका अभीतक मुआवजा भी नहीं मिल पाया है तो दूसरी ओर बची खेत की फसल अपने घर ले जाने के लिए कोई रास्ता नहीं दिया गया है। हालही में सांसद भावना गवली ने जिलाधिकारी, रेलवे अधिकारी तथा संबंधित विभागों की जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक लेकर यह रास्ता देने के निर्देश दिए थे। मगर उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। जिससे पीड़ित किसान समूह में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। वहां पर उन्होंने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। यहां से उपज घर कैसे ले जाए यह समस्या इनके सामने हंै। पहले के रास्ते, पगडंडी रास्ते रेलवे के इस लाइन से विभाजित हो गए हंै। अब यह लाइन कैसे पार करें यह समस्या किसानों के सामने हैं। यह रास्ते नहीं दिए जा सकते तो कम से कम इस पटरी के नीचे से अंडरपास बनाकर दिया जाए ताकि उससे यह उपज ले जायी जा सके। इस रेलवे पटरी के कारण इधर का पानी निचले स्तर के खेत में जा रहा है। यह पानी खेत में न जाए इसके लिए इस पटरी के दोनों ओर नालियां बनाना जरूरी है। मगर यह नालियां भी अभीतक नहीं बनाई गई है। जबकि रेलवे पटरी की ऊंचाई जमीन से ज्यादा है। जिससे इधर आनेवाला पानी सीधे खेतों में जमा होकर फसल बर्बाद हो रही है। रेलवे प्रशासन या उनके द्वारा नियुक्त ठेकेदार की यह जिम्मेदारी थी। मगर उन्होंने उचित व्यवस्था नहीं करने से उसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। गत मौसम से यह समस्या किसानों के सामने आ रही है। कलंब तहसील के गलमगांव, गंगादेवी, सोनखास, खुटाला, मावलनी, कामठवाड़ा के किसानों को यह समस्या सता रही है। जिससे उन्होेंने रेलवे प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपकर यह समस्या निवारण करने की मांग की थी। जिलाधिकारी को भी गत माह में यह समस्या समझाकर बताई गई थी। मगर अभीतक इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है। डेढ़ माह से गिट्टी फैलाने का काम आंदोलन कर बंद करवाया गया था। उस समय रेलवे अधिकारियों ने बीचबचाव करते हुए रास्ता और नाली का काम शीघ्र शुरू करने आश्वासन दिया था। मगर गत 45 दिनों में इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। किसान उनके खेतों से फसल बैलगाड़ी से भी नही ले जा पा रहे है।
तो करेंगे आंदोलन
रास्ते का काम रेल प्रशासन ने 20 अक्टूबर तक शुरू नहीं किया तो फिर से एक बार क्षेत्र के किसान रेलवे पटरी बिछाने का यह काम आंदोलन करके बंद कराएंगे ऐसी चेतावनी किसानों की ओर से प्रा.घनशाम दरणे, संतोष शंभरकर, नरेश चिंचे, विनोद पवार, मकुंद पवार, समीर नागोसे, दिलीप भोगे, राजू शंभरकर, प्रशिल बावणे, सुभाष भाेयर, रामू वालदे, अनिकेत भोगे, नागोराव नागोसे, प्रफुल नागोसे, सुधाकर पवार ने दी है।
खेत में रखी सोयाबीन को लगाई आग
उधर आष्टी शहीद में कटाई कर के दाने निकालने के लिए खेत में जमा किए सोयाबीन के ढेर को अज्ञात व्यक्ति ने रात के समय आग लगाने की घटना तहसील के खड़का खेत परिसर में बीती रात को घटी। इस घटना के कारण महिला किसान रंजना सुधाकर नागपुरे का अंदाजन 1 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। तहसील के खड़की निवासी अल्पभूधारक महिला किसान रंजना सुधाकर नागपुरे ने अपने दो एकड़ खेत में सोयाबीन की बुआई की थी। महिला किसान ने इस के लिए बैंक ऑफ इंडिया शाखा से कर्ज लिया था। महिला ने बड़े परिश्रम से अपने खेत में सोयाबीन की फसल उगाई थी। फसल परिपक्व होने के बाद उन्होंने फसल की कटाई की। कटाई का खर्च बचाने के लिए महिला किसान के परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर कटाई की। कटाई किए सोयाबीन का ढेर खेत में ही लगाकर रखा था। पड़ोस के खेत का किसान पवन नागपुरे जब खेत की फसल को पानी देने के लिए गया तब उसे रंजना नागपुरे के खेत से आग के लपटे उठते दिखाई दिए। पवन नागपुरे ने इस घटना की जानकारी पुलिस पटेल मंगेश नागपुरे को दी। पुलिस पटेल ने महिला किसान रंजना नागपुरे व ग्रामवासियों को साथ लेकर घटनास्थल पर दाखिल हुए। मात्र तब तक संपूर्ण सोयाबीन का ढेर जल कर खाक हो गया था। इस घटना की जानकारी आष्टी पुलिस थाना के थानेदार संदीप धोबे को दी गयी। जानकारी मिलते ही अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस आग में महिला किसान रंजना नागपुरे का अंदाजन 1 लाख रुपए का नुकसान होने का बताया गया है। खड़की परिसर में इस के पूर्व भी ऐसे ही घटना घटीत हुए थे। मात्र अब तक कोई भी आरोपी गिरफ्तार नही होने से किसानों में भय का वातावरण निर्माण हुआ है।