मोदी की सभा में कुर्सियों पर दिखीं राहुल गांधी की तस्वीरें, जानिए क्या है माजरा
- नागपुर से आईं थीं कुर्सियांं
- कुर्सियों पर दिखीं राहुल गांधी की तस्वीरें
- 8 हजार वाहनों ने दिलवाया लोकसभा चुनाव के प्रचार का आभास
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. भारी हवाईपट्टी के समीप 28 फरवरी को हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में आई कुर्सियों के पिछले हिस्से में राहुल गांधी की तस्वीरें लगी हुई थी। यह तस्वीरें चर्चा का विषय बनी है। यह कुर्सियां नागपुर से मोदीजी के कार्यक्रम के लिए लाई गई थी। 28 दिसंबर को कांग्रेस के 139वां स्थापना दिवस पर नागपुर में राहुल गांधी ने एक विशाल रैली को संबोधित किया था। इसी रैली में यह कुर्सियां किराए पर ली गई थी। उस हर कुर्सी के पीछे राहुल गांधी की तस्वीरें लगाई गई थीं। यही कुर्सियां मोदी की सभा के लिए 2 माह बाद यवतमाल के सभास्थल पर लाई गईं। इन सबके पीछे राहुल गांधी की तस्वीरें देख उसका वीडियो लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। भाजपाइयों को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने कुर्सियों पर राहुल के पोस्टर फाड़ दिए। मगर तब तक यह खबर वायरल हो चुकी थी। इस कारण भाजपा पदाधिकारी,आयोजक और सरकारी अधिकारी आदि को बगलें झांकने की नौबत आई। इस समय मुंबई दिल्ली से भी पत्रकार आए थे। वह भी ऐसी कुर्सियां तलाशते देखे गए। मगर तब तक राहुल गांधी की तस्वों को हटा दिया गया था।
नागपुर से आईं थीं कुर्सियांं
दादासाहब मुकडे, कार्यकारी अभियंता लोकनिर्माण विभाग के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जो कुर्सियां लाईं गईं थी, उनके पिछले हिस्से पर राहुल गांधी का बैनर लगा हुआ था। यह कुर्सियां नागपुर के ठेकेदार आशीष उईके ने भेजी थी। यहां पर अकोला से उजवणे, स्थानीय भैया उर्फ दायमा से कुर्सी बुलाई गई थी। जिस पर राहुल गांधी के पोस्टर लगे थे वह नागपुर के आशीष उईके ने भेजी थी।
8 हजार वाहनों ने दिलवाया लोकसभा चुनाव के प्रचार का आभास
उधर आचार संहिता लगने से पूर्व हर लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी यवतमाल दौरे पर आते हैं। इस समय उनके दौरे के लिए 8 हजार वाहनों को कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार ने लगाकर उन्हें खुश करने का प्रयास किया। इसमें 2 हजार बसंे और 6 हजार निजी वाहन शामिल थे। इससे लग रहा था कि भाजपा के 2024 के लोकसभा चुनाव के प्रचार का श्रीगणेश हो गया हो। इस समय मंडप की 50 से 60 फीसदी कुर्सियां खाली हो गई थी। क्योंकि यहां पंखे-कूलर या अन्य व्यवस्था नहीं थी। उसी प्रकार बचत गुटों की 1 लाख महिलाओं के लिए शीतल पेयजल या वॉशरूम नहीं था। इस कारण 5 घंटे तक जैसे-तैसे मोदी का इंतजार कर रहीं यह महिलाएं एक-एक कर समूह में वहां से बाहर निकलती नजर आईं।
आलम यह हुआ कि मोदीजी का भाषण शुरू होते ही मंडप 50 से 60 फीसदी खाली हो गया। जैसे इन बचत गुटों की महिलाओं ने मोदीजी के भाषण का बहिष्कार कर दिया हो। 2014 में आर्णी तहसील के दाभडी (बोरगांव) में हुए लाइव चाय पे चर्चा कार्यक्रम में मोदी ने कहा था कि किसानों की उपज को लागत और 50 फीसदी मुनाफा मिलेगा। मगर हाल यह है कि जो एमएसपी घोषित की गई, उसमें भी कोई व्यापारी उपज नहीं खरीद रहा है। 2019 में पांढरकवड़ा के महिला मेले में जो वादे किए थे, वह भी पूरे नहीं किए गए।