मार्गदर्शन: बात पते की - रिश्ते वह होते हैं, जो दिल से निभाए जाते हैं - मुनि अर्हतकुमार
- प्रवचनमाला में मुनि अर्हतकुमार ने किया मार्गदर्शन
- मुनिश्री का चातुर्मास नागपुर में
डिजिटल डेस्क, दारव्हा। दुनिया में रिश्ते बड़े अहम होते है, रिश्ते वह नहीं होते जो दुनिया में दिखाए जाते हैं, बल्कि रिश्ते वह होते हैं, जो दिल से निभाए जाते हैं। इसलिए रिश्तों को बनाने में नहीं तो निभाने में विश्वास रखना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन तेरापंथ जैन संघ के महातपस्वी आचार्य महाश्रमण के शिष्य मुनि अर्हतकुमार ने किया। मुनि अर्हत कुमार, मुनिश्री भरतकुमार, मुनि जयदीप कुमार के सानिध्य में स्थानीय जैन मंदिर में 1 मई को आयोजित प्रवचनमाला में "आज के दौड़धूप के जीवन में हैपी कपल खुशी डबल' इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने आगे कहा कि पति-पत्नी एक दूसरे के प्रति प्रांजल भाव रखें। पति यदि पतंग बनता हैं, तो पत्नी उसकी डोर बननी चाहिए। रिश्तों में अहंकार को निर्माण न होने दें। उन्होंने कहा कि सकारात्मक ऊर्जा से अच्छा चिंतन कर घर को प्रसन्नता से ओतप्रोत रखा जा सकता है।
मुनि भरतकुमार ने कहा कि एक-दूसरे पर प्रेम से ही सुखी दाम्पत्य जीवन का निर्माण होता हैं। जीवन में शंका को कभी स्थान न दिया जाए बल्कि सेवा, समर्पण और सहिष्णुता का भाव रखना जरूरी है। उसी तरह पति-पत्नी का रिश्ता पवित्र रहे, इसके लिए संयम के साथ-साथ अपनापन, प्रेम, सहयोग, सेवा, आस्था आदि रखना अनिवार्य है। जिससे हैपी कपल खुशी डबल होगी। ऐसे विचार मुनि जयदीप कुमार ने व्यक्त किए। इस समय तेरापंथ महिला मंडल ने समधुर गीत व मंगलाचरण प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुनिश्री का चातुर्मास नागपुर में
इस बार मुनिश्री का चातुर्मास नागपुर में होगा। इसके तहत मुनिश्री का दारव्हा से यवतमाल विहार हुआ है। 2 मई को यवतमाल से घाटंजी, पांढरकवड़ा, वणी होते हुए वह नागपुर की ओर विहार करेंगे।