यवतमाल: आदिवासी गांव के 400 सरपंचों को पोस्टकार्ड के माध्यम से दी गई योजनाओं की जानकारी
- आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाएं
- 400 सरपंचों को पोस्टकार्ड से याेजनाओं की जानकारी दी
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाएं उन तक नहीं पहुंच पा रही है। इसके चलते नया फंडा अपनाया गया है। अब आदिवासी गांव के 400 सरपंचों को पोस्टकार्ड से याेजनाओं की जानकारी दी गई है। इस कार्ड पर छपे से क्यूआर कोड क्यूआर कोड को स्कैन करते ही योजनाओं का ब्यौरा मिलता है। इसके माध्यम से आदिवासियों को योजनाओं का लाभ दिलाया जा सकता है। पांढरकवड़ा आदिवासी विकास प्रकल्प में 9 तहसीलें है। इसमें यवतमाल, वणी, केलापुर, घाटंजी, मारेगांव, कलंब, रालेगांव, बाभुलगांव का समावेश है।
इसमें 18 सरकारी आश्रमशालाएं है। 28 अनुदानित आश्रमशाला है। 19 सरकारी छात्रावास है। पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासियों को सामाजिक और शैक्षणिक तरक्की के लिए योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया गया है। इसमेें खावटी योजना शामिल हैं। इस प्रकल्प में आदिवासियों के गांव की संख्या 963 है। उसमें 548 गांव के लिए न्यूक्लियस बजट योजना का लाभ मिला है। 415 गांंवों को लाभ नहीं मिला है।
जिन गांवों में आज तक एक भी लाभार्थी को लाभ नहीं मिला, ऐसे 400 से अधिक गांवों के सरपंचों को पोस्टकार्ड भेजे गए हैं। डिजिटल तकनीक का प्रयोग कर सहायक जिलाधिकारी तथा प्रकल्प अधिकारी सुहास गाडे के मार्गदर्शन में सहायक प्रकल्प अधिकारी गोदाजी सोनार ने यह उपक्रम शुरू किया है।
इसमें कुक्कुटपालन, बकरी पालन, मेडिकल या इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। सरपंचों से क्यूआर स्कैन कर नागरिकों को योजनाओं का लाभ दिलाने का आह्वान किया गया है।