यवतमाल: रबड़ी खाने के बाद 200 लोगों को हुआ फूड पॉइजन, यात्रियों को गई थी परोसी

  • रात 10 बजे यवतमाल से भेजी गई एम्बुलेंंस
  • यात्रियों का स्वास्थ्य खराब

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-21 14:29 GMT

डिजिटल डेस्क, यवतमाल. महानुभाव पंथ के अनुयायी सोमवार को पदयात्रा करते हुए दारव्हा तहसील के चिकणी कामठवड़ा पहुंचे थे। यह यात्री माहुर से जांभोरा के लिए निकले थे। सोमवार दोपहर का भोजन उन्होंने चिकणी के राजू घाटोल के घर किया। इसके बाद यात्रियों का स्वास्थ्य खराब हो गया। कुछ यात्रियों ने ग्राम में ही निजी अस्पताल में उपचार कराया 40 लोगों को दारव्हा के उपजिला अस्पताल में भर्ती किया गया तो 18 को देर शाम के दौरान स्थानीय जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया।

रात भर उपचार के बाद मंगलवार को सभी स्वस्थ हो गए। उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने का अनुरोध किया गया। उन्हें स्वास्थ्य लाभ होने और अनुरोध के चलते सभी को मंगलवार की सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह जानकारी जिला सरकारी अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी डा. अभय मांगे ने दी। उसी प्रकार दारव्हा के उपजिला अस्पताल में भर्ती 40 को भी छुट्टी दे दी गई है। यह जानकारी वहां के तहसील स्वास्थ्य अधिकारी ने दी है। बाकी लोगों का गांव में ही उपचार किया गया था।

रात 10 बजे यवतमाल से भेजी गई एम्बुलेंंस

इन विष बाधित मरीजों को यवतमाल मेडिकल कालेज लाने के लिए वाघापुर रास्ते से लोहारा होते हुए दारव्हा तहसील के चिकणी कामठवाड़ा की ओर कई एम्बुलेंस गईं। इस समय उनके सायरन बज रहे थे। एक साथ इतनी एम्बुलेंस जाते देख वाघापुरवासियों को लगा कि कहीं कोई बड़ी दुर्घटना हुई है। इन एम्बुलेंस में 18 मरीजों को यवतमाल लाया गया। इसमें कुछ दारव्हा की भी एम्बुलेंस मरीजों को लेकर यवतमाल मेडिकल कॉलेज आई थी।

बैक्टीरिया, वायरस और दूसरे रोगाणुओं या विषैले तत्वों से संक्रमित

फूड प्वॉइजनिंग तब होती है जब हम ऐसे भोजन खाते हैं जो बैक्टीरिया, वायरस और दूसरे रोगाणुओं या विषैले तत्वों से संक्रमित होता है। बच्चे और बुज़ुर्ग फूड प्वॉइजनिंग के शिकार अधिक होते हैं क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है। गर्मी के दिनों में इसके मामले अधिक सामने आते हैं।

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