शहडोल: 7 घंटे में बन गया अंडर पास, 5 साल में नहीं बन सकी रोड
- अधूरी सडक़ के बीच रेलवे फाटक बंद करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर
- रेलवे प्रशासन ने अंडर पास का निर्माण तो 7 घंटे में करा लिया गया, लेकिन आवागमन के लिए सडक़ निर्माण 5 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
डिजिटल डेस्क,शहडोल। शहर से होकर पुरानी बस्ती की ओर जाने वाले मार्ग में स्थित रेलवे फाटक का मामला हाई कोर्ट तक जा पहुंचा है। रेलवे प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ रेलवे फाटक संघर्ष समिति शहडोल द्वारा एक रिट याचिका दायर कर दी गई है।
नागरिकों ने इस आधार पर याचिका लगाई है कि आवागमन के लिए सडक़ बनाने के पहले ही फाटक बंद करने की तैयारी रेलवे द्वारा की जा रही है। इस सबंध में एक पत्र महाप्रबंधक, प्रबंधक बिलासपुर को क्षेत्रीय रेल प्रबंधक के माध्यम से आज ही प्रेषित किया गया है।
नागरिकों का कहना है कि रेलवे प्रशासन ने अंडर पास का निर्माण तो 7 घंटे में करा लिया गया, लेकिन आवागमन के लिए सडक़ निर्माण 5 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। संघर्ष समिति ने बताया कि अपेक्षापूर्ण रवैया के कारण जनहित याचिका दायर की गई है।
गौरतलब है कि रेलवे फाटक आमजन की परेशानी का कारण बना हुआ है। फाटक एक बार बंद होने पर 20-30 मिनट, कई बार 40-45 मिनट तक बंद रहता है। जिसके कारण लंबा जाम निर्मित हो जाता है। स्कूल, कॉलेज जाने वाले बच्चे, आवश्यक कार्यों के लिए जाने वालों तथा मरीजों को खड़े रहना पड़ता है।
फाटक के कारण शव यात्रा के समय भी धूप, बारिश या ठंड के मौसम में घंटो फाटक खुलने के इंतजार में खड़े रहने की मजबूरी रहती है। रेलवे अधिकारियों को इस अत्यंत गंभीर और जटिल समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित कराया गया फिर भी अब तक समाधान नहीं हो सका।
बिना समाधान किए रेलवे फाटक को बंद करने की आमजन में चर्चाएं चल रही हैं। पुरानी बस्ती तथा सैकड़ों गांवों के हजारों लोगों का आवागमन का मुख्य मार्ग रेलवे फाटक होकर ही है।