सवालों में इंजीनियरिंग: शहर में एक भी ऐसी सडक़ नहीं जिसमें गड्ढे न हों, वाहन चालक परेशान
- बीच सडक़ से लेकर किनारों पर पानी भरना जैसे आम समस्या हो गई है।
- वाहन चालक फिसलकर हादसे का शिकार हो रहे हैं।
- गड्ढे होने से वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
डिजिटल डेस्क,शहडोल। शहर में डामर की सडक़ों के निर्माण के दौरान स्लोप पर ध्यान नहीं दिया गया। इंजीनियरिंग में इस तरह की बड़ी लापरवाही का नुकसान यह हो रहा है कि जगह-जगह पानी भरने से सडक़ें खराब हो रही है।
गड्ढे होने से वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संभागीय मुख्यालय में मुख्य मार्ग से लेकर अंदर कॉलोनी की सडक़ों की स्थिति यह है कि कई स्थानों पर सडक़ चलने लायक तक नहीं बची है। बीच सडक़ से लेकर किनारों पर पानी भरना जैसे आम समस्या हो गई है।
निर्माण के दौरान ध्यान देना चाहिए
नगर पालिका के इंजीनियर शरद द्विवेदी का कहना है कि शहर में डामर की अधिकांश सडक़ें जहां पानी भर रहा है वे पूर्व में बनी हैं। यह बात सही है कि सडक़ निर्माण के दौरान स्लोप पर ध्यान देना चाहिए जिससे पानी भरने की समस्या नहीं हो। इसमें जवाबदारी ठेकेदार की भी होती है कि मटेरियल जब उतना ही लग रहा है तो काम के दौरान जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए।
इन स्थानों पर भर रहा पानी
- इंदिरा चौक से बस स्टैंड रोड
- न्यू गांधी चौक से स्टेशन रोड
- पुराना नगर पालिका से पुलिस लाइन मार्ग
- कलेक्टर कार्यालय के सामने
- इंदिरा चौक से लल्लू सिंह चौक
- अंबेडकर चौक से पांडवनगर रोड
सीवर के बेतरतीब निर्माण से समस्या
नागरिकों ने बताया कि सीवर लाइन निर्माण के बाद सडक़ के ऊपर ही मिट्टी रख दिए जाने से बारिश के बाद सडक़ें कीचड़ से सराबोर हो गई है। वाहन चालक फिसलकर हादसे का शिकार हो रहे हैं।