गंगा संवर्धन अभियान: जिले की जल संरचनाओं को किया जाएगा अतिक्रमण मुक्त, पौधे रोपण कर कलेक्टर ने किया शुभारंभ
- कलेक्टर तरुण भटनागर ने जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की
- ग्रामीण क्षेत्रों में अमृत सरोवर और नदी पुर्नजीवन आदि के कार्य किये जाएंगे
- प्रत्येक नगरीय निकाय में जल सम्मेलन का आयोजन होगा
डिजिटल डेस्क, शहडोल। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बुधवार को कलेक्टर तरुण भटनागर द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की गई। 16 जून तक चलने वाले अभियान की शुरुआत उन्होंने शहर के बड़ी भीट तालाब में पौधे रोपण तथा तालाब में साफ-सफाई कर किया। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत राजेश जैन, सीएमओ अक्षत बुंदेला, जन अभियान परिषद के विवेक पांडे सहित अन्य लोगों ने पौधारोपण के साथ साफ सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। अभियान के तहत जिले की 390 ग्राम पंचायतों और 7 नगरीय निकायों में जल संरचनाओं के जीर्णाेद्धार तथा पौधरोपण के साथ-साथ जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा तथा कैचमेन्ट क्षेत्र को साफ-सफाई करने के कार्य किये जाएंगे। नगरीय निकायों में अमृत-2, डीएमएफ आदि के साथ-साथ जन भागीदारी से जल संरक्षण के कार्य किये जा रहे हैं। कार्य योजना बनाकर नियत समय में इन्हें पूर्ण किये जाएगें।
शहर व गांवों में चलेंगे कार्य
ग्रामीण क्षेत्रों में अमृत सरोवर, बलराम तालाब, पुष्कर धरोहर, नदी पुर्नजीवन आदि के कार्य किये जाएंगे। अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित नालों का गहरीकरण, गाद निकासी, साफ-सफाई एवं सुदृढ़ीकरण, सामुदायिक तालाबों में गहरीकरण, गाद निकासी, पुराने सामुदायिक कूप कपिल धारा कूप कार्य योजना के प्रावधान अनुसार जन भागीदारी से सुधार कार्य एवं गहरीकरण, पुरानी बावली में गहरीकरण, स्त्रोत स्टॉप डैम चेक डैम में गाद निकासी, मेरा ऑगन मेरा पेड़ के तहत स्व सहायता समूह की दीदियों के द्वारा आंगन में मुनगा एवं फलदार पौधरोपण किया जाएगा। शासकीय विद्यालयों में जहां बाउण्ड्री एवं भूमि उपलब्ध है वहां के बच्चों द्वारा पौधरोपण के कार्य किये जाएगें।
अभियान में होंगे ये कार्य
अभियान के तहत 6 जून को प्रत्येक नगरीय निकाय में जल सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 8 जून को जन भागीदारी से श्रमदान कर जल संरचनाओं की साफ सफाई, 9 जून को जल संरचनाओं के समीप कलश यात्रा का आयोजन, साथ ही जल संरक्षण विषय पर निबंध, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। 10 से 16 जून तक जीर्णाेद्धार के साथ जल संरचनाओं की साफ-सफाई भी होगी। 15 व 16 जून को गंगा दशमी के अवसर पर प्रमुख जल स्रोतों के किनारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत गंगा आरती, भजन समारोह इत्यादि आयोजित किये जायेंगें।