करचुल डेम में रिसाव: दहशत में बीत रही थी ग्रामीणों की रात, सामुदायिक भवन में हुआ रूकने का इंतजाम

  • आधी रात 52 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंंचाया
  • करचुल डेम का निर्माण वर्ष 2000 में राहत कार्य मद से किया गया था।
  • किसानों का कहना है कि डेम में लीकेज की मरम्मत जल्द नहीं हुई तो रबी सीजन में सिंचाई के लिए पानी की समस्या होगी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-29 11:05 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जैतपुर क्षेत्र अंतर्गत करचुल डेम में रिसाव के बाद मंगलवार आधी रात करचुल गांव के 52 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह डेम में रिसाव की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी तो सबसे पहले नुकसान का जायजा लेने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भेजा गया।

दिनभर की मशक्कत के बाद भी डेम में रिसाव नहीं रुका तो रात में एहतियातन ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्णय लिया गया। अलग-अलग वाहनों से ग्रामीणों को तीन किलोमीटर दूर भठिया स्थित सामुदायिक भवन में रुकने की व्यवस्था की गई।

बुधवार को यहीं नाश्ते व भोजन की भी व्यवस्था की गई। इस बीच जल संसाधन विभाग की टीम बुधवार को भी करचुल डेम पहुंची। विभाग के कार्यपालन यंत्री प्रतीक खरे ने बताया कि डेम में लीकेज नहर के पास है। जिसे स्लूस प्वाइंट कहते हैं। हालांकि लीकेज से डेम के फूटने की आशंका नहीं है। जल्द ही लीकेज के मरम्मत का काम प्रारंभ किया जाएगा।

ग्रामीणों से चर्चा के बाद लिया निर्णय

कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने बताया कि मंगलवार रात करचुल गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बात की थी। उन्होंने बताया कि वे सुरक्षित स्थान पर जाना चाहते हैं। इसके बाद सभी लोगों के लिए सामुदायिक भवन में ठहरने का इंतजाम किया गया है।

24 साल पहले बना था डेम, 0.6 मिलियन घनमीटर क्षमता-

करचुल डेम का निर्माण वर्ष 2000 में राहत कार्य मद से किया गया था। इसकी क्षमता 0.6 मिलियन घनमीटर है। डेम की सिंचाई क्षमता 65 हेक्टेयर है। किसानों का कहना है कि डेम में लीकेज की मरम्मत जल्द नहीं हुई तो रबी सीजन में सिंचाई के लिए पानी की समस्या होगी।

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