शहडोल: कमिश्नर के निरीक्षण में खुल रही पोल, मिलीभगत से पढ़ाई का नुकसान

  • संकुल प्रभारी को पता ही नहीं कि 3 शिक्षक तीन दिन से अवकाश पर : सभी निलंबित
  • कमिश्नर ने पाया कि पचगांव में संकुल प्रभारी को पता ही नहीं था कि तीन शिक्षक तीन दिन से अवकाश पर हैं।
  • इसी प्रकार हाईस्कूल बंधवाबड़ा में 3 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-20 13:32 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। स्कूल खुलते ही शिक्षक बंक मारने लगे हैं। शिक्षकों की अनुपस्थिति ऐसे समय पर हो रही है जब कुछ ही दिन पहले स्कूल खुले हैं। स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही की पोल कमिश्नर के प्रशिक्षण में खुलती जा रही है।

दो दिनों में अनुपस्थित पाए गए 10 शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है। बुधवार को कमिश्नर द्वारा शहडोल जिले के पंचगांव के 4 शिक्षकों को निलंबित करने व बंधवाबड़ा के तीन शिक्षकों की वेतन कटौती के निर्देश दिए। कमिश्नर ने पाया कि पचगांव में संकुल प्रभारी को पता ही नहीं था कि तीन शिक्षक तीन दिन से अवकाश पर हैं।

अकारण मिले अनुपस्थित

कमिश्नर बीएस जामोद ने बुधवार को सोहागपुर विकासखण्ड के विभिन्न शालाओं और छात्रावासों का निरीक्षण किया। शासकीय माध्यमिक शाला पचगांव में 9 शिक्षक एवं एक भृत्य पदस्थ हैं। जिनमें से 3 शिक्षक मनमाने तौर पर बगैर सूचना दिए अनुपस्थित मिले।

कमिश्नर ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा शिक्षक सरिता द्विवेदी, कामना श्रीवास्तव, एवं सुग्रीव मिश्रा एवं पढ़ाई का स्तर काफी कम होने व शिक्षकों पर कड़ी निगरानी नहीं रखने पर प्रधानाध्यापक बैजनाथ प्रजापति को अवकाश की जानकारी न होने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग आनंदराय सिन्हा को दिए।

इसी प्रकार हाईस्कूल बंधवाबड़ा में 3 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा।

मिली शिक्षा की दयनीत स्थित

पंचगांव स्कूल में कक्षा 6वीं एवं 7वीं के छात्र सही ढंग से किताब नहीं पढ़ पाए, जिस पर कमिश्नर ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। प्रवेश उत्सव के समय अभिभावकों की उपस्थिति नहीं होने पर कमिश्नर ने आमंत्रित नहीं करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

बंधवाबड़ा में भी सातवीं-आठवी के छात्र-छात्रा ठीक से हिन्दी की किताब नहीं पढ़ पाए। 100 में 12 का भाग देने के लिए छात्र-छात्राओं से कहा गया, किन्तु किसी ने हल करके नहीं दिखाया। कमिश्नर ने शिक्षकों से कहा कि वह स्कूल में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारें।

गुणवत्तायुक्त शिक्षा दें तथा निरंतर पढऩे के लिए प्रेरित करें अन्यथा अन्य शिक्षकों के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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