Shahdol News: 27 साल बाद थाने के मालखाने से मिली ‘मां’ को मुक्ति

  • बरामदगी के बाद कानूनी प्रक्रिया में उलझी प्रतिमा के मामले को पुलिस ने बनाया आसान
  • गांव वालों व पुजारी ने प्रतिमा के लिए प्रयास जारी रखा लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी।
  • मंदिर की मूर्ति मिल जाने व पुन: स्थापित कर दिए जाने के बाद पुजारी समेत पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-10 09:06 GMT

Shahdol News: पुलिस थाना के मालखाने में कैद माता रानी की पाषाण प्रतिमा को आखिरकार 27 साल बाद नवरात्रि के पावन अवसर पर मुक्ति मिली और प्रतिमा को विधि विधान से मंदिर में पुनर्स्थापित कराया गया। इस कार्य में पुलिस की भूमिका काफी सराहनीय रही।

यह मामला ब्यौहारी थानांतर्गत ग्राम जमुनी का है। जहां के ग्रामीण इतने सालों बाद मां के दर्शन पाने पर काफी खुश हैं। दरअसल मामला यह है कि अक्टूबर 1997 में जमुनी स्थित लोढ़ा माता मंदिर से माता रानी की प्रतिमा चोरी हो गई थी। मंदिर के पुजारी प्यारे लाल द्वारा की शिकायत पर ब्यौहारी थाना में अपराध क्रमांक 218/97 में मामला दर्ज किया गया था।

दो सप्ताह के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने चोरी की गई मूर्ती बरामद कर ली थी। मूर्ति को सुरक्षारार्थ थाने के माल गोदाम में रखवा दिया गया। तब से वह वहीं रखी रही। प्रतिमा की सुपुर्दगी न्यालयीन प्रक्रिया के बाद होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणोंवश प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी।

माता के लिए 27 साल तक रहे नंगे पैर

मंदिर से प्रतिमा चोरी होने के बाद गांव वाले ही नहीं पुजारी राम प्यारे भी दुखी थे। राम प्यारे ने प्रण किया था कि ज़ब तक माता रानी की मूर्ति मंदिर में पुन: स्थापित नहीं हो जाएगी वह चप्पल नही पहनेंगे। इस तरह वे 27 बरस से नंगे पैर ही चल रहे। अब मंदिर की मूर्ति मिल जाने व पुन: स्थापित कर दिए जाने के बाद पुजारी समेत पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

थाना पुलिस का सराहनीय प्रयास

गांव वालों व पुजारी ने प्रतिमा के लिए प्रयास जारी रखा लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इस बीच शारदेय नवरात्रि पर 5 अक्टूबर को गांववाले थाना प्रभारी अरुण पांडेय से मिलकर मामले से अवगत कराया। लोगों की आस्था को देखते हुए थाना प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक को जानकारी दी। उनके निर्देश पर उन्होंने मालखाने से प्रतिमा की खोज कराई।

बड़ी मशक्कत के बाद प्रतिमा मिल गई। इसके बाद जरूरी प्रक्रिया पूर्ण करने पर न्यायालय ने थाना पुलिस को उक्त मूर्ति संबंधित जनों के सुपुर्द करने का आदेश जारी कर दिया, इसके बाद थाना प्रभारी अरुण पांडेय द्वारा सम्मान के साथ पुजारी प्यारेलाल को उक्त मूर्ति सौंप दी गई।

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