Shahdol News: जनसरोकार की अनदेखी के बीच फिजूलखर्ची

  • आदिवासी बस्ती में 11 साल से सौ मीटर सडक़ का इंतजार करने विवश आमजन
  • वार्डवासी बारिश होने पर कीचड़ में चलकर ही मुख्य मार्ग तक पहुंचने विवश हैं।
  • इसके लिए अलग से टेंडर नहीं निकाला गया बल्कि विभागीय देखरेख में काम करवाया जा रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-04 11:25 GMT

Shahdol News: नगर पालिका शहडोल अंतर्गत वार्ड क्रमांक एक में हनुमान मंदिर से देवीलाल के घर तक लगभग सौ मीटर सडक़ निर्माण का इंतजार 11 साल है। आदिवासी बस्ती के रहवासियों ने बताया कि सडक़ निर्माण के लिए कई बार नगर पालिका कार्यालय व कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं।

हर बार सडक़ निर्माण जल्द किए जाने का आश्वासन तो दिया जाता है, लेकिन सडक़ नहीं बनती है। यहां 55 से ज्यादा आदिवासी परिवार निवास कर रहे हैं। सडक़ नहीं होने से बारिश के मौसम में आवागमन मुश्किल हो जाता है। रात के समय अंधेरे में सांप बिच्छू के काटने का भय बना रहता है।

वार्डवासी बारिश होने पर कीचड़ में चलकर ही मुख्य मार्ग तक पहुंचने विवश हैं। वार्डवासी पप्पू अगरिया, प्रहलाद, भीम, राजू, गीता प्रसाद, वेंकट व रामू अगरिया ने बताया कि सडक़ के साथ ही श्मशान घाट की भी समस्या है।

इधर, चौपाटी में रंग-रोगन के नाम पर ही ढाई लाख रूपए से ज्यादा खर्च

चौपाटी में पुराने पेवर ब्लॉक को रंग रोगन कर पुन: स्थापित करने के साथ ही पाइप और शेड की पेंटिंग से लेकर 9 बल्ब सहित कुछ छोटे बल्ब लगाने का खर्च ढाई लाख रूपए को पार कर गया। गुरूवार को नगर पालिका में इसी बात की चर्चा रही कि इतने कम काम पर इतनी बड़ी राशि आखिर कैसे खर्च हो सकती है। नगर पालिका द्वारा स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान स्वच्छता मद से चौपाटी के रंगरोगन का निर्णय लिया गया।

इसके लिए अलग से टेंडर नहीं निकाला गया बल्कि विभागीय देखरेख में काम करवाया जा रहा है। इसमें स्वीकृत वार्षिक दर से भुगतान किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यहां एक बल्ब पांच हजार रूपए का लगाया गया है। ऐसे नौ बल्ब लगे हैं, जिनकी संख्या 18 करने की तैयारी है।

पता करवाते हैं-

नगरपालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल का कहना है कि वार्ड क्रमांक एक में सौ मीटर सडक़ नहीं बनने से आदिवासी परिवारों को परेशानी की जानकारी नहीं है। पता करवाते हैं। चौपाटी का निर्माण वृहद स्तर पर करना है, चूकि समय कम था और स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान कुछ काम करना था इसलिए चौपाटी का रंगरोगन किया गया। इसके लिए किसी ठेकेदार को काम नहीं दिया गया है। स्वीकृत दर पर काम करवाया जा रहा है। बल्ब व दूसरे समान की खरीदी भी बाजार पर ही की जाएगी।

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