श्रमिक की मौत के बाद उग्र विरोध: ओपीएम गेट के बाहर 9 घंटे शव रखकर प्रदर्शन
- मृतक की पत्नी ने खुद को केरोसीन डालकर जलाने का प्रयास किया
- मुआवजा राशि की मांग कर रहे थे परिजन
डिजिटल डेस्क,शहडोल/बरगवां। ओरियंट पेपर मिल (ओपीएम) गेट के बाहर मजदूर रामाधार पाव (40) की मौत के बाद पत्नी कुसुम बाई ने तीन बच्चों के साथ नौ घंटे तक शव रखकर प्रदर्शन किया।
कुसुम बाई ने बताया कि 13 अगस्त की देरशाम करीब 8.30 बजे रामाधार काम के दौरान 15 फिट ऊंचाई से गिरे तो इलाज में लगातार लापरवाही बरती गई। पहले मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया और वहां से जबलपुर मेडिकल रैफर किया गया।
वहां भी बेहतर इलाज नहीं हुआ तो निजी अस्पताल भेजा गया, जहां शुक्रवार को रामाधार की मौत हो गई। प्रदर्शन कर रहीं कुसुम बाई की मांग थी कि नौकरी के साथ ही मुआवजा और बच्चों की शिक्षा का प्रबंधन किया जाए। इस मांग को ओपीएम प्रबंधन लगातार दरकिनार करता रहा।
इधर, प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ती गई तो शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चार थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। तहसीलदार भावना डेहरिया ने पीडि़त और प्रबंधन से बात की। नहीं मानने पर शाम 4 बजे एसडीएम सोहागपुर अरविंद शाह मौके पर पहुंचे। उन्होंने कड़े शब्दो में प्रबंधन को समझाइश दी।
तब जाकर ओपीएम प्रबंधन मृतक मजदूर के परिजनों की मांग मानने तैयार हुआ। एसडीएम शाह ने बताया कि ओपीएम प्रबंधन ने कहा है कि पीएफ की राशि के साथ ही ढाई लाख रूपए अलग से दिया जाएगा।
महिला को हर माह दो हजार रूपए पेंशन और तीन बच्चों की पढ़ाई के लिए 25 वर्ष की उम्र तक हर माह सात-सात सौ रुपए दिए जाएंगे। परिजनों के मानने के बाद शव को पीएम के लिए अस्पताल भेजा गया।
केरोसीन डालकर खुद को जलाने का प्रयास
विरोध प्रदर्शन के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब मृतक की पत्नी कुसुम बाई खुद को केरोसीन डालकर जलाने का प्रयास की। जिससे आसपास मौजूद लोगों ने रोका।
सुलगते सवाल
ओपीएम में 15 वर्षों से ज्यादा समय से काम करने के बाद भी रामाधार पाव को स्थाई श्रमिक नहीं बनाया गया। ठेकेदार के अधीन बतौर अस्थाई श्रमिक काम करने के कारण मौत के बाद पर्याप्त राहत राशि नहीं मिली।