लोगों की जिंदगियां निगलने पर आमादा ऑनलाइन सट्टा
जिले में पैर पसार रहे सट्टा माफिया
डिजिटल डेस्क,शहडोल।
जिले में पैर पसार चुका सट्टे के अवैध कारोबार अब लोगों की जान तक लेने लगा है। ऑन लाइन गेमिंग और मोबाइल पर रुपए कई गुना करने का लालच छोटे-बड़ों को अपनी चपेट में ले रहा है। बुढ़ार थाना क्षेत्र में सामने आई घटना ने इस अवैध कारोबार की भयावहता को सामने लाने का काम किया है। घटना में 13 वर्षीय अबोध बालक के आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाना न केवल मौजूदा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा गया, बल्कि पुलिस प्रशासन द्वारा इस अवैध कारोबार पर प्रभावी अंकुश नहीं लगा पाने की ओर भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
बर्बाद हो रहे युवा व परिवार
जिले में सट्टे का संचालन होना नई बात नहीं रह गई है। हर शहर व गांव में इस कारोबार ने पैर पसार लिए हैं। एक रुपए का अस्सी बनाने की लालच में हर वर्ग के लोग फंस रहे हैं। युवा और बच्चे भी इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं, महिलाएं भी पीछे नहीं है। जिले में अनेकों लोग हैं जो अपनी जमा पूंजी सट्टे पर लगा रहे हैं। कई परिवार लालच में आकर आर्थिक नुकसान उठा चुके हैं। वहीं अवैध कारोबार को संचालित करने वाले अमीर बन रहे हैं।
बदला कारोबार का स्वरूप
बदलते तकनीक के दौर में सट्टे का स्वरूप भी बदल चुका है। पहले पर्ची काटी जाती थी, किसी एक स्थान पर ठीहा होता था, लेकिन अब चलते-फिरते सट्टे की बुकिंग होने लगी है। सूत्रों की मानें तो सट्टा खिलाने वाले कार में लैपटॉप व मोबाइल रखकर चलते हैं और ग्राहकों की बुकिंग नाम से नहीं कोड से करते हैं। आईपीएल के सीजन में तो बकायदा ठिकाने बनाकर कारोबार संचालित किया जाता है।
बच निकलते हैं बड़े कारोबारी
सटोरियों के विरुद्ध पुलिस द्वारा लगभग हर रोज कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसमें छुटभैये टाइप के लोग होते हैं जो पर्ची काटते हैं। लेकिन ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होती जो इस खेल के मुख्य लोग होते हैं। बताया जा रहा है कि जिले में कटनी, जबलपुर, रायपुर, छिंदवाड़ा और मुंबई से सीधे सट्टा संचालित होता है। ऑन लाइन सट्टा पर पुलिस की कार्रवाई उस हिसाब से नहीं होती, जबकि सायबर विभाग के पास सारे संसाधन मौजूद हैं कि कहां से किसके तार जुड़े हुए हैं।