शहडोल: 91 घरों की बैगा बस्ती तक कीचड़ से लथपथ सडक़

  • एमपीआरआरडीए विभाग ने सडक़ निर्माण में मुरूम की जगह डाल दी मिट्टी, बढ़ी परेशानी
  • हाल ही में पीएम जनमन योजना के तहत हुए सर्वे में सारी बातें सामने आई थीं।
  • बस्ती व स्कूल पहुंच मार्ग के बीच मुरुम जगह मिट्टी डाल दी गई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-05 09:00 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जनपद पंचायत सोहागपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बमुरा के आदिवासी बाहुल्य कुर्रीटोला आज भी विकास से कोसों दूर है। बस्ती में 91 घरों की बसाहट वाले विशेष संरक्षित बैगा जनजाति आज भी अभावों में गुजर-बसर कर रही है।

दूरांचल में पहाड़ों के बीच बसे इस गांव में लंबे अर्से बाद सडक़ निर्माण शुरु हुआ, लेकिन मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण (एमपीआरआरडीए) द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कराए गए कार्य में घोर लापरवाही बरती गई।

बस्ती व स्कूल पहुंच मार्ग के बीच मुरुम जगह मिट्टी डाल दी गई, जो बरसात में कीचड़ का रूप लेकर चलने लायक नहीं बची। पूरी बरसात ग्रामीण व बच्चों को कीचड़ की वजह से जूता-चप्पल का त्याग करना पड़ गया।

वहीं विद्यालय की जर्जर हालत के चलते बरसात के दिनों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई, हालांकि प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद विद्यालय को स्कूल के पास छोटेलाल बैगा के नव निर्मित पीएम आवास में शिफ्ट करा दिया गया है।

जानकारी होने के बाद भी बने रहे बेपरवाह

कुर्रीटोला के प्राथमिक विद्यालय भवन की जर्जर हालत एवं संसाधनों की कमी से संबंधित अधिकारी व प्रशासन भली भांति अवगत थे। क्योंकि हाल ही में पीएम जनमन योजना के तहत हुए सर्वे में सारी बातें सामने आई थीं।

विद्यालय की ओर से सीएसी, बीआरसी, संकुल को जर्जर स्कूल भवन की ओर लिखित रूप से अवगत कराया जाता रहा। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि विद्यालय में रखे स्टेशनरी व किताबें भीग गए। इसी प्रकार सडक़ में हुए कीचड़ को लेकर भी प्रशासन को जानकारी थी। इसके बाद भी आदिवासी परिवारों की सुध नहीं ली गई।

अब हटा रहे कीचड़

सडक़ निर्माण में बरती गई अनियमितता को लेकर प्रशासन सजग हुआ। दो दिन पहले अपर कलेक्टर, तहसीलदार व अन्य अधिकारी गांव पहुंचे थे। जिनकी पहल पर स्कूल शिफ्ट हुआ और सडक़ के कीचड़ को हटाने का काम शुरु किया गया। कहा जा रहा है कि यदि प्रशासन पहले चेत जाता तो आदिवासी इतना परेशान न होते।

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