जिला चिकित्सालय पर निर्भर मरीज: मेडिकल कॉलेज में सोनोग्राफी, सीटी स्केन व ब्लड बैंक जैसी सुविधाओं का अभाव
- जिला चिकित्सालय पर निर्भर मरीज, डीन बोले-चल रहा प्रयास, जल्द मिलेंगी सारी सुविधाएं
- रेडियोलॉजिस्ट को लाने के भी प्रयास हो रहे हैं ताकि सोनोग्राफी चालू कराई जा सके।
डिजिटल डेस्क,शहडोल। मेडिकल कॉलेज में जहां एमबीबीएस में पांचवे वर्ष की 100 सीटों तथा कुछ विधाओं में पीजी क्लास संचालित करने की अनुमति मिल चुकी है, वहीं 500 बिस्तरा वाले अस्पताल में आज भी कई मूल भूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है।
उपचार के लिए सबसे जरूरी सोनोग्राफी, सीटी स्केन तथा ब्लड बैंक जैसी सुविधाएं शासकीय मेडिकल कॉलेज में आज भी नहीं है। उपरोक्त की जरूरत पडऩे पर मरीजों को जिला चिकित्सालय की दौड़ लगानी पड़ती है।
प्रबंधन द्वारा लगातार प्रयास किए गए, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। हालांकि डीन के अनुसार उक्त तीनों जरूरी सुविधाओं को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द ही सुविधाएं मिलेंगी।
एजेंसी की लापरवाही से देरी
बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक का पूरा ढांचा बनकर कई वर्षों से तैयार है। मशीनें आ चुकी हैं, डीन के अलावा कमिश्नर द्वारा भोपाल तक चर्चा की जा चुकी है। ब्लड बैंक शुरु कराने की जिम्मेदारी हाइड्स नामक संस्था की है, लेकिन बताया जा रहा है कि उसके द्वारा टालमटोल वाला रवैया अपनाया जा रहा है।
रेडियोलॉजिस्ट की कमी से दिक्कत
मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में सोनोग्राफी की मशीनरी मौजूद है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। प्रबंधन द्वारा प्रयास किया गया कि निजी रेडियोलॉजिस्ट की सेवाएं ली जाएं लेकिन उनके द्वारा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। भर्ती के विज्ञापन के बावजूद इस पद के लिए कोई रेडियोलॉलिस्ट नहीं पहुंचे।
जल्द मिलेंगी सुविधाएं : डीन
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. गिरीश बी रामटेके ने बताया कि सीटी स्केन की सुविधा के लिए एसईसीएल से मदद मिल रही है। विभागीय चीफ सेके्रटरी द्वारा भी चर्चा की गई है। साथ ही एमआरआई की सुविधा मिल सकेगी।
रेडियोलॉजिस्ट को लाने के भी प्रयास हो रहे हैं ताकि सोनोग्राफी चालू कराई जा सके। ब्लड बैंक चालू करने एजेंसी से बात चल रही है। उन्होंने बताया कि यहां फिजियोथेरिपी के अलावा हृदय संबंधी सोनोग्राफी हो रही है, जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है।