जिला चिकित्सालय: डॉक्टर ने मरीज का उपचार करने की बजाय कर दिया रेफर!

  • डॉक्टर ने मरीज का उपचार करने की बजाय कर दिया रेफर!
  • मेडिकल कॉलेज में भी मरीज को नहीं मिली राहत, सीटी स्केन के फिर आना पड़ा जिला अस्पताल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-19 05:29 GMT

डिजिटल डेस्क, शहडोल। शासकीय कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में कई बार मरीजों का परीक्षण किए बिना ही सीधे रेफर कर दिया जाता है। जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही मामला शनिवार की शाम को सामने आया, जब उपचार के लिए लाए गए मरीज को ड्यूटी डॉक्टर द्वारा बिना परीक्षण किए ही ओपीडी पर्ची में रेफर लिख दिया गया। मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के बाद मरीज को सीटी स्केन के लिए फिर जिला अस्पताल तक आना पड़ गया। ब्यौहारी क्षेत्र में चल रहे रेलवे के विस्तारीकरण में कार्यरत बिहार समस्तीपुर निवासी 25 वर्षीय विकास कुमार नामक युवक को सडक़ हादसे में घायल होने के बाद जिला चिकित्सालय लाया गया। उसके कान से खून निकल रहा था। शाम के समय जिला चिकित्सालय में पहुंचे विकास को डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर लिख दिया। परिजन उसे वहां लेकर गए, जहां भर्ती करने के बाद डॉक्टरों ने सीटी स्केन के लिए लिखा।

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वहां सुविधा नहीं होने के कारण परिजन रात 8.30 फिर जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि यदि जिला चिकित्सालय में पहले ही परीक्षण के बाद प्राथमिक उपचार किया जाता और सीटी स्केन करा लिया जाता तो परेशानी न होती। विकास के भाई ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में भी ठीक से उपचार नहीं हुआ, इसलिए घायल को लेकर बिहार ले जा रहे हैं। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह ने बताया कि मरीज को हेड इंज्युरी के लक्षण थे और यहां न्यूरो सर्जन नहीं हैं। इसलिए मरीज को बाहर ले जाना ही उचित था। वहीं जिला चिकित्सालय के सिविज सर्जन डॉ. जीएस परिहार का कहना था कि यदि ड्यूटी डॉक्टर ने बिना परीक्षण किए ही रेफर लिखा तो उनसे पूछताछ की जाएगी।

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