शहडोल: प्रभारी व्यवस्था ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

  • कमिश्नर, अपर कमिश्नर तक प्रभारी, पक्षकारों को मिलती है सिर्फ पेशी
  • शहडोल संभाग में कमिश्नर की पदस्थापना शासन द्वारा नहीं की जा सकी है।
  • नगरीय प्रशासन के संभागीय कार्यालयों में दूसरे संभागों के अधिकारी ही प्रभार में हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-02 13:27 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। संभाग स्तर के अधिकांश कार्यालयों में प्रभारी व्यवस्था के चलते नागरिकों को आशानुरूप सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर संभागीय मॉनीटरिंग की कमी तो बनी ही रहती है साथ ही राजस्व प्रकरणों के समय पर निराकरण नहीं होने से पक्षकारों को समस्या बनी रहती है।

जिस कार्यालय पर तमाम संभागीय व्यवस्था का दारोमदार है वहीं नियमित रूप से अधिकारी की नियुक्ति नहीं है। कमिश्नर राजीव शर्मा के जाने के बाद से अब तक इस पद पर शहडोल संभाग में कमिश्नर की पदस्थापना शासन द्वारा नहीं की जा सकी है।

अपर कमिश्नर का पद भी पिछले तीन वर्ष से रिक्त पड़ा हुआ है। इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर प्रभारी व्यवस्था है। अलग संभाग का भी प्रभार होने के कारण अधिकारीगणों को दोनों जगहों पर समय देना पड़ता है।

लगातार लंबित हो रहे प्रकरण

कमिश्नर व अपर कमिश्नर के पदों पर स्थायी पदस्थापना नहीं होने की वजह से राजस्व के प्रकरण लंबित होते जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार अपर कमिश्नर कार्यालय में लगभग 1600 से अधिक ऐसे प्रकरणों पर सिर्फ पेशी मिल रही है, जो रजिस्टर्ड हो चुके हैं और इनमें एक बार ही सुनवाई हुई है।

इसी प्रकार 120 से अधिक राजस्व के प्रकरण सुनवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं कमिश्नर न्यायालय में भी लगभग 250 प्रकरण लंबित हो चुके हैं। राजस्व के प्रकरणों में कई ऐसे हैं जो शहडोल के अलावा अनूपपुर एवं उमरिया जिले के दूरांचल से संबंधित होते हैं।

सुनवाई की तारीख मिलती है और अगली पेशी लेकर पक्षकार लौट जाते हैं। गुरुवार को मानपुर जिला उमरिया से पहुंचे बेसउहा ने बताया कि बिना सुनवाई के लौटना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि सुनवाई नहीं होती, दो-दो जगहों का प्रभार होने की वजह से उतना समय नहीं मिल पाता, जो नियमित स्थायी पदस्थापना पर मिलता।

इन कार्यालयों में भी प्रभारी राज

संभाग बनने के बाद संभागीय कार्यालय तो खुले लेकिन अनेक जगहों पर प्रभारी अधिकारी व्यवस्था संभाल रहे हैं। इनमें संयुक्त संचालक किसान कल्याण, संयुक्त पंजीयक सहकारिता, ई एण्ड एम पीडब्ल्यूडी, नगरीय प्रशासन के संभागीय कार्यालयों में दूसरे संभागों के अधिकारी ही प्रभार में हैं।

इसी प्रकार जिला स्तर के कार्यालयों में उद्योग, पंजीयक, श्रम विभाग, आरईएस, पीएचई आदि में भी प्रभारी अधिकारियों से काम चलाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जनप्रतिनिधियों की ओर से भी प्रभारी राज व्यवस्था समाप्त करने की दिशा में सार्थक प्रयास नहीं हुए।

-कमिश्नर, अपर कमिश्नर सहित ऐसे संभागीय अधिकारियों की तैनाती को लेकर पत्राचार किया है जो पद खाली हैं और प्रभार पर हैं।

दिलीप जायसवाल (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार)

Tags:    

Similar News