शहडोल: 44 डिग्री तापमान के बीच उबल रहे अस्पताल के मरीज
- 50 मरीजों के बीच एक कूलर उसमें भी पानी नहीं
- पेयजल की मारामारी, टंकियों में जमी काई
- भीषण गर्मी के बीच जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज उबल रहे हैं।
डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में भी हीट वेव लोगों को झुलसाने पर आमादा है। नौतपा के चौथे दिन बुधवार को शहर का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, जो इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा।
लगातार बढ़े रहे तापमान के कारण सुबह 11 बजे के बाद ही लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। लू के थपेड़ों से लोग परेशान हैं। वहीं भीषण गर्मी के बीच जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज उबल रहे हैं।
गर्मी पूर्व प्रबंधन की कुव्यवस्था उजागर हो गई है। 50-50 मरीजों वाले वार्डों में 1-2 कूलर ही लगे हुए हैं, उनमें भी पूरे समय पानी नहीं रहता। ऐसे में कूलरों से आने वाली गर्म हवा से परेशान कुछ मरीज अपने घर से पंखा लाकर बेड के पास लगाया है, ताकि कुछ तो राहत मिल सके।
यही नहीं गर्मी के दिनों में पानी के लिए मरीज व परिजनों को भटकना पड़ रहा है।
कूलर में पानी तक डालने वाला कोई नहीं
सर्जिकल मेल वार्ड में दो कूलर लगे हुए हैं। मंगलवार की दोहपर 12 बजे एक बंद रहा, एक कूलर में पानी नहीं था। कई मरीज अपने घर से पंखा लाकर लगाए हुए हैं। फीमेल वार्ड में जहां 40 से अधिक मरीज व परिजन रहते हैं एक मात्र कूलर है, जो दोपहर के समय बंद रहा।
छोटे बच्चों वाले वार्ड में एक कूलर बिना पानी के चलता मिला। मेडिकल वार्ड पुरुष में तो कूलर ही नहीं है। कुल मिलाकर जहां कूलर हैं उनमें पानी डालने वाला कोई नहीं।
टंकी में जमी काई व नीचे गंदगी, जानकारी के बाद कराई सफाई
अस्पताल में स्वच्छ पानी को लेकर भी लापरवाही सामने आई। छत पर लगी पानी की टंकियों की साफ-सफाई समय पर नहीं कराई जाती। एनआरसी भवन के ऊपर लगी टंकियों में एक का ढक्कर नहीं था, उसमें काई जमा थी।
वहीं सप्लाई पाइप वाले स्थान पर टंकी के पास कीचडऩुमा काई की भरमार थी, यानि सप्लाई के गंदा पानी जाता था। इस संबंध में जब सिविल सर्जन से चर्चा की गई तो उन्होंने काई की सफाई कराई।
- टंकी व आसपास की सफाई करा दी गई है। बिगड़े कूलरों की मरम्मत कराकर उनकी मरीजों को उचित व्यवस्था दिलाई जाएगी।
डॉ. जीएस परिहार, सिविल सर्जन