शहडोल: रेलवे स्टेशन से लेकर ऑफिसों में नहीं महिला टॉयलेट

  • सुविधाओं की कमी से असहज महसूस करती हैं महिला स्टॉफ
  • सुविधाओं की कमी से सबसे अधिक रनिंग महिला स्टॉफ को दिक्कत होती है।
  • समस्या को लेकर मंडल कार्यालय तक अवगत कराया गया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-23 12:23 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प के लिए अमृत योजना में भले करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हों, लेकिन महिला कर्मचारियों के लिए शौचालय व अन्य सुविधाओं की कमी बनी हुई है। सबसे ज्यादा अहम बाथरूम, चेजिंग रूम जैसी सुविधाएं नहीं होने के कारण महिला कर्मचारी अपने आपमें असहज महसूस करती हैं। समस्या को लेकर मंडल कार्यालय तक अवगत कराया गया, लेकिन सुविधा मुहैया नहीं कराई जा सकी है।

उक्त सुविधाओं की कमी से सबसे अधिक रनिंग महिला स्टॉफ को दिक्कत होती है। क्रू नियंत्रक के अधीन ही 15 महिला सहायक लोको पायलट एवं दो महिला लोको पायलट सहित दो महिलाएं आफिस में कार्यरत हैं।

साथ ही लॉबी प्रांगण में ऑपरेटिंग विभाग की महिला कर्मचारियों के लिए कार्य स्थल पर वेटिंग रूम, बाथरूम, चेजिंग रूम या टिफिन रूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। जबकि रेलवे बोर्ड द्वारा जारी कर्मचारी चार्टर में मार्च 2018 तक ऐसे सभी कार्य स्थल पर जहां 5 या उससे अधिक महिला कर्मचारी कार्यरत हैं उनके लिए अलग से उक्त व्यवस्थाएं प्रस्तावित किया गया था।

इसी प्रकार रेलवे बोर्ड द्वारा 13 अक्टूबर 2021 को जारी पत्र में महिला कर्मचारियों की उक्त मूलभूत सुविधाओं की कमी पर चिंता जताते हुए समस्त जोनल को जारी आदेश में पालन कराने को कहा था, लेकिन आज तक उसका पालन नहीं हुआ।

रेलवे संघ ने जताई चिंता

महिला कर्मचारियों की उक्त समस्या को लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर संघ द्वारा कई बार चिंता जताई जा चुकी है। संघ द्वारा मंडल प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों को पत्र व ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि ड्यूटी के दौरान महिला कर्मचारियों भारी परेशानी होती है। कई बार घर तक जाना पड़ता है जो चिंताजनक है।

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