शहडोल: ग्रामीण इलाकों में जर्जर हो चुके विद्यालय भवन

  • जर्जर स्कूल, पहुंच मार्ग कीचड़ से भरा
  • जर्जर भवन कहीं गिर न जाए, इस आशंका पर कक्षाएं बाहर संचालित होती हैं।
  • प्रधानमंत्री जनमन जैसी योजनाओं पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-04 12:22 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। दूरांचल के ग्रामीण इलाकों में जर्जर हो चुके विद्यालय भवनों को लेकर प्रशासन किस कदर अंजान बना हुआ है यह ग्राम पंचायत बुमरा के बैगा आदिवासी बाहुल्य कुर्रीटोला के हालात देखकर समझा जा सकता है।

शासकीय प्राथमिक विद्यालय भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि बरसात के दिनों में कक्षाएं नहीं लग पातीं, क्योंकि जरा सी बारिश में छत टपकतीं हैं जिससे यहां रखी किताबें व दस्तावेज भीग चुके हैं।

जर्जर भवन कहीं गिर न जाए, इस आशंका पर कक्षाएं बाहर संचालित होती हैं। यही नहीं स्कूल पहुंच मार्ग भी कीचड़ से भरा हुआ है, जिसके चलते स्कूली बच्चे जूता-चप्पल तक नहीं पहन पाते और नंगे पैर स्कूल आना-जाना करते हैं।

सवाल उठाए जा रहे हैं कि ऐसे हालात तब हैं जब बैगा आदिवासी परिवारों का जीवन स्तर उठाने के लिए प्रधानमंत्री जनमन जैसी योजनाओं पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

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