9 वर्ष में ही जर्जर 14 लाख का विद्यालय भवन, जर्जर भवन में डर के साए के बीच पढ़ाई को मजबूर छात्र
- सोहागपुर जनपद के गांव सिरौंजा का मामला
- जर्जर हुआ स्कूल भवन
- 14 लाख की लागत से बना था
डिजिटल डेस्क, शहडोल/सिरौंजा। सीलिंग की उखड़ी हुई पलस्टर, दीवारों में बड़े-बड़े दरार और छत से टपकता बरसात का पानी, इन सबके बीच जान जोखिम में डालकर छात्र पढ़ाई करते हैं। ये हाल जिले के सिरौंजा गांव के शासकीय विद्यालय का है, जहां नन्ही जान जर्जर भवन में डर के साए के बीच पढ़ाई करते हैं। जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत सिरौंजा में कहने को तो प्राथमिक विद्यालय में करीब 10 से भी ज्यादा कमरे हैं, लेकिन 14 लाख की लागत से बना यह विद्यालय भवन 9 साल में ही खंडहर में तब्दील हो गया है। बरसात के मौसम में यहां कक्षाएं संचालित नही हो पातीं। इसलिए छात्रों को माध्यमिक विद्यालय में संयुक्त रूप से बैठकर पढ़ाई करना पड़ता हैं।
माध्यमिक विद्यालय का भी हाल प्राथमिक विद्यालय से कम नही है। चार कमरे और एक बरामदा में एक प्राचार्य कक्ष है, वो भी जीर्णशीर्ण स्थिति में है। बाकी बचे 3 कमरों में से दो कमरे जर्जर हैं। ऐसे में एक रूम और बरामदे में कक्षाएं संचालित होती हैं, लेकिन बरसात के दिनों में इन छात्रों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती है। करीब 150 छात्र एक ही कमरे में सिमट कर रह जाते हैं। विद्यालय प्रबंधन ने मरम्मत के संबंध में विभाग को कई बार पत्राचार किया, लेकिन अभी तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है।
खनिज मद से होगी मरम्मत
कलेक्टर वंदना वैद्य का कहना है कि ने जर्जर विद्यालय भवन की मरम्मत के लिए खनिज मद से दो करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है, जिसमें सिरौंजा विद्यालय भी शामिल है। विद्यालयों की मरम्मत बरसात के बाद किया जाएगा।