शहडोल: सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दी जा रही तारीख पर तारीख
- सामूहिक विवाह में दलित-आदिवासियों के अपमान संबंधी आरोपों की पांच माह में शुरू नहीं हुई जांच
- सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्किरण विभाग द्वारा इस मामले में लगातार तारीख पर तारीख दी जा रही है।
- वृद्धाआश्रम में औचक निरीक्षण के कारण शामिल होना संभव नहीं हो पाएगा
डिजिटल डेस्क,शहडोल। जयसिंहनगर जनपद के ग्राम पंचायत कौआसरई में 22 मार्च को सामूहिक विवाह के दौरान दलित-आदिवासियों को अपमानित किए जाने संबंधी जिला पंचायत सदस्य अंजू गौतम रैदास के आरोपों की जांच पांच माह में शुरू नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्किरण विभाग द्वारा इस मामले में लगातार तारीख पर तारीख दी जा रही है। पहले जांच को लेकर 20 अगस्त की तारीख नियत की तो यह कहकर टाल दिया गया कि वृद्धाआश्रम में औचक निरीक्षण के कारण शामिल होना संभव नहीं हो पाएगा।
इसमें जांच की तारीख 28 अगस्त नियत की गई। और 28 अगस्त की तारीख को यह कहकर बदल दिया गया कि इस दिन प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ला का शहडोल दौरा है।
जिला पंचायत अंजू रैदास गौतम ने आरोप लगाया कि सामूहिक विवाह में दौ सौ विवाह की सूची बनी और विवाह से पहले आधे से ज्यादा को सचिव की रिपोर्ट के आधार पर पूर्व से विवाह होना बताकर शामिल होने से मना कर दिया गया।
जबकि इसी आयोजन में कई ऐसे विवाह भी हुए जिनके बच्चे तक हैं। उनका कहना है कि शादी के लिए बाराती-घराती तैयार थे और ऐसे में सामूहिक विवाह में शामिल होने से अचानक मना कर देना बड़ा अपमान है।