शहडोल: विकास के नाम पर पेड़ काटने पर नागरिकों ने जताया विरोध

  • वर्षों पुराने हरे-भरे पेड़ की चढ़ा दी बलि
  • नगर पालिका ने हरे-भरे पेड़ काटे उसी पेड़ के नीचे भगवान शिव का मंदिर भी था।
  • मंदिर तोडऩे के बाद भगवान की मूर्ति को उचित स्थान पर स्थापित तक नहीं किया गया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-25 08:41 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। हरियाली महोत्सव के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च कर सडक़ किनारे पौधे रोपे जा रहे हैं। वहीं संभागीय मुख्यालय में बस स्टैण्ड रोड के चौड़ीकरण के नाम पर बीते दिनों फिर एक बार हरा-भरा पेड़ कटवा दिया गया।

हरे-भरे पेड़ को सडक़ से हटाने के लिए रीवा होटल के सामने लगे पेड़ को कटवा दिया गया। लोगों का कहना है कि पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी गाइड लाइन जारी की हुई है। जिसमें काटे गए पौधों के बदले 10 गुना अधिक पौधे लगाना होंगे।

इस निर्देश की अनदेखी की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि सडक़ किनारे लगे पेड़ों की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी और एमपीआरडीसी विभाग की है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र में तो नगर पालिका की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जिम्मेदारों ने हरे-भरे पेड़ को चौड़ीकरण के नाम पर बलि चढ़ा दिया।

जहां नगर पालिका ने हरे-भरे पेड़ काटे उसी पेड़ के नीचे भगवान शिव का मंदिर भी था। वर्षाे पुराने मंदिर को भी तोड़ दिया गया। मंदिर तोडऩे के बाद भगवान की मूर्ति को उचित स्थान पर स्थापित तक नहीं किया गया।

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