मध्यप्रदेश: डॉक्टर के इंतजार में वृद्धा बेहोश, पहुंची आईसीयू, जिला अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टरों के सात में तीन चेंबर खाली
- शहडोल जिला अस्पताल में डॉक्टर के इंतजार में वृद्धा बेहोश
- आईसीयू में हुई भर्ती
- ओपीडी में डॉक्टरों के सात में तीन चेंबर खाली
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिला अस्पताल ओपीडी कक्ष क्रमांक 14 दिन सोमवार दोपहर 12.14 बजे। इलाज के इंतजार में बिप्पी बैगा नाम की वृद्धा अचानक बेहोश हो गईं। परिजन वहीं पर रोने लगे तो एक डॉक्टर चेंबर से बाहर आए और फौरन स्ट्रेचर मंगवाकर आईसीयू भेजने की व्यवस्था की। आदिवासी बैगा वृद्धा के परिजनों ने बताया कि वे लोग आधा घंटा से ज्यादा समय से ओपीडी में अपनी बारी का इंतजार रहे थे। तभी वृद्धा की तबियत अचानक बिगडऩे लगी और वो बेहोश होकर गिर पड़ीं। फौरन ही परिजन आईसीयू में लेकर पहुंचे तो वहां प्रारंभिक जांच में बताया कि महिला का बीपी हाई है और शुगर लेबल ज्यादा होने के कारण वो अचानक बेहोश हो गईं।
इस बीच एक बार फिर ओपीडी में मरीजों के इलाज में लगने वाले समय पर सवाल उठा। सोमवार सुबह मरीजों की संख्या ज्यादा होने के बाद भी ओपीडी के 7 में 3 चेंबर खाली रहे। चार चेंबर में डॉक्टर बैठे थे तो वहां मरीजों की लंबी कतार रही। कई मरीज ओपीडी में अपनी बारी का इंतजार करते ही थक गए।
हर जगह कतार
ब्लड बैंक में जांच के लिए रक्त नमूना देने मरीज पहुंचे तो यहां भी अपनी बारी का इंतजार करने के लिए मरीज व परिजनों को इंतजार करना पड़ा। कुछ मरीजों के लिए इंतजार का समय एक घंटे से भी ज्यादा रहा। तब तक लोग कतार में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे।
कतार का क्रम दवा वितरण कक्ष में भी रहा। यहां दवा देने के लिए दो काउंटर में दोनों में ही मरीजों की लंबी कतार लगी रही। मरीजों को दवा प्राप्त करने के लिए आधा घंटा से ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ा। इसी प्रकार जांच की शुरूआत में पंजीयन के लिए भी काउंटर पर लंबी कतार के कारण मरीज व परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
एक हजार से ज्यादा की ओपीडी होने के कारण सोमवार को कुछ मरीजों को अपनी बारी आने के लिए इंतजार करना पड़ा। हालांकि परीक्षण और इलाज सबका हुआ। एक भी मरीज ने हमें आकर यह नहीं बताया कि उनकी जांच नहीं हुई। ओपीडी में तीन कक्ष इसलिए खाली हैं कि दो डॉक्टर अवकाश पर हैं, और एक डॉक्टर बैठ नहीं पाते तो राउंड पर रहते हैं।
डॉ. जीएस परिहार सिविल सर्जन जिला अस्पताल