मोदी के बाद कांग्रेस की राहुल को ब्यौहारी लाने की तैयारी
जिला संगठन को दौरे और कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने के मिले निर्देश
डिजिटल डेस्क,शहडोल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शहडोल के लालपुर व पकरिया में हुए कार्यक्रम के बाद कांग्रेस की राहुल गांधी को जिले के ब्यौहारी में लाने की तैयारी है। पीसीसी द्वारा जिला संगठन को कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार राहुल का अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में ब्यौहारी में जनसभा प्रस्तावित की गई है। पीसीसी से निर्देश मिलते ही जिला संगठन ने राहुल के दौरे और ब्यौहारी की जनसभा को लेकर रूपरेखा बनाना शुरू कर दी है। बुधवार शाम यहां हुई एलडीपी (लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम) समन्वय समिति की बैठक में भी राहुल गांधी की ब्यौहारी की प्रस्तावित सभा पर चर्चा हुई। जिलाध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने पांच विधानसभा क्षेत्रों के समन्वयकों के साथ कार्यक्रम की प्रारंभिक रूपरेखा बनाई।
समूचे विंध्य पर कांग्रेस की नजर
भाजपा के साथ कांग्रेस की भी नजर जनजातीय वोटों पर है। 2018 में कांग्रेस जिले की तीनों और शहडोल संभाग की 8 में से 5 सीटों पर चुनाव हारी थी। जीती हुई तीन सीट में से अनूपपुर की सीट विधायक बिसाहूलाल के दलबदल से हाथ से चली गई थी। ये सभी सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित थीं। ब्यौहारी में राहुल को ला कर कांग्रेस संभाग में तो अपनी स्थित मजबूत करना ही चाहती है उसकी नजर विंध्य की 30 विधानसभा सीटों पर भी है। इनमें से केवल 7 सीटें ही कांग्रेस 2018 में जीत पाई थी। तय है राहुल की सभा के जरिये कांग्रेस विंध्यमें दोबारा पांव जमाने की कोशिश में है।
ब्यौहारी ही क्यों?
राहुल की जनसभा ब्यौहारी में रखने के पीछे मूल वजह यह है कि शहडोल जिला मुख्यालय सहित अनूपपुर, उमरिया, सतना, रीवा, सीधी तथा सिंगरौली की दूरी 80 से 120 किलोमीटर है। यानि ब्यौहारी में इन जिलों से कार्यकर्ताओं और आमजन का पहुंचना आसान रहेगा। यही नहीं विंध्य खासतौर पर शहडोल से सटे महाकोशल के आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी व मंडला जिले से भी लोग सीधे पहुंच सकेंगे। साफ है कांग्रेस राहुल की ब्यौहारी में प्रस्तावित जनसभा के जरिये विंध्य व महाकोशल की 35 विधानसभा सीटों के मतदाताओं को साधना चाहती है। इन 35 में से 17 सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं।