भास्कर अभियान: 9 साल में नहीं बनी 73 किलोमीटर सडक़, अब 6 माह से ठप पड़ा काम

  • दिल्ली में उठेगा हाईवे निर्माण लेटलतीफी का मुद्दा
  • एमपीआरडीसी द्वारा ठेका कंपनी जीवीआर को पहले ही टरमिनेशन का नोटिस दिया गया है।
  • सडक़ निर्माण में लेटलतीफी का सीधा नुकसान इस मार्ग पर आवागमन करने वाले वाहन चालकों को हो रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-15 14:04 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। 9 साल में 73 किलोमीटर हाइवे का निर्माण नहीं होने का मुद्दा दिल्ली में केंद्रीय सडक़ एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडक़री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक में उठेगा। मंगलवार को प्रस्तावित बैठक में मध्यप्रदेश में नेशनल हाइवे निर्माण के लंबित प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी।

बैठक में एमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरशन) द्वारा शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर नेशनल हाइवे निर्माण में लेटलतीफी के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि एमपीआरडीसी द्वारा ठेका कंपनी जीवीआर को पहले ही टरमिनेशन का नोटिस दिया गया है।

यहां जीवीआर ने पेटी कांट्रेक्ट पर सडक़ निर्माण का काम तिरुपति बिल्डकाम प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। इधर, सडक़ निर्माण में लेटलतीफी का सीधा नुकसान इस मार्ग पर आवागमन करने वाले वाहन चालकों को हो रहा है।

शहडोल से उमरिया के बीच रेलवे लाइन में चार स्थानों पर आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) का निर्माण नहीं किया गया। यहां 73 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए एक से डेढ़ घंटे अतिरिक्त लग रहे हैं।

ऐसे बना लेटलतीफी का रिकॉर्ड

शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर सडक़ निर्माण का काम 2015 में स्वीकृत होने के बाद 2020 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। सडक़ निर्माण में लेटलतीफी का साया शुरू से ही रहा और पहला एक्सटेंशन 2021 तक के लिए दिया गया। इस अवधि में काम पूरा नहीं हुआ तो दूसरा एक्सटेंशन 2022 तक बढ़ाया गया।

इस अवधि में भी काम पूरा नहीं होने के बाद तीसरा एक्सटेंशन 31 दिसंबर 2023 तक के लिए दिया गया तो तीसरे एक्सटेंशन के बाद काम शेष है। रेलवे फाटक घुनघुटी, पाली, नौरोजाबाद और अमहा में आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) का निर्माण पूरा नहीं हुआ। शहडोल शहर स्थित बाई पास में रीवा रोड पर वीयूपी (व्हीकल अंडर पास) का काम भी अधूरा है।

- शहडोल से उमरिया के बीच चारों रेलवे फाटक के आसपास खस्ताहाल सडक़ के कारण ज्यादा परेशानी होती है। इस मार्ग पर चार रेलवे फाटक में किसी में भी आरओबी का निर्माण नहीं हुआ है। इससे शहडोल से उमरिया होते हुए जबलपुर पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे ज्यादा समय लगता है।

लीलाधर खोडिय़ार उद्योगपति शहडोल

- शहडोल से उमरिया के बीच हाइवे का निर्माण नहीं होने से ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले व्यापारी परेशान हैं। बारिश के मौसम में रेलवे फाटक के समीप गाड़ी फंसने के लिए कई स्थानों पर कीचड़ की समस्या है। आवागमन में ज्यादा समय लगने से वाहनों का भाड़ा बढ़ जाता है और इसका आर्थिक बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।

अशोक बजाज (अध्यक्ष ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन शहडोल)

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