शरद पवार की दहाड़ : मैं ही हूं एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, कोई कुछ भी कहे फर्क नहीं पड़ता, जानिए - घटनाक्रम पर क्या कहते हैं जानकार

  • शरद पवार बोले - मैं ही हूं एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष
  • 2024 में महाराष्ट्र की जनता हमारे हाथ सौंपेगी सत्ता
  • जानिए क्या कहते हैं जानकार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-06 15:31 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दरार के बाद जारी बयानबाजी और बैठकों के दौर के बीच शरद पवार ने गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक ली। उन्होंने बैठक के बाद कहा कि कहा कि राकांपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं ही हूं। अजित पवार का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि किसी को अध्यक्ष बनाए जाने की बात में कोई तथ्य नहीं है। ऐसे में अगर कोई दावा करता है कि अब मै ही एनसीपी का अध्यक्ष हूं तो इसको महत्व नहीं देना चाहिए। कोई कुछ भी कह सकता है। शरद पवार ने कहा कि अगर कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मै अभी भी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं फिर चाहे उम्र 82 हो या 92 क्या फर्क पड़ता है। इसलिए किसी ने कुछ नियुक्तियां की हो तो उसे कोई अर्थ नहीं रहता। रही बात किसी के पक्ष में दो तिहाई हो या पांच तिहाई समर्थन होने का दावा करने की तो हम देखेंगे। हमारा चुनाव आयोग पर पूरा विश्वास है और हम चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वहां जाने की उन पर नौबत नही आएगी। बैठक के बाद पीसी चाको ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित प्रस्तावों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कार्यसमिति ने आज 8 प्रस्ताव पारित किए। उन्होंने बताया कि राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल, लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे और एनडीए से हाथ मिलाने वाले 9 विधायकों को पार्टी से निष्कासित करने संबंधी फैसले को मंजूरी दे दी है।

2024 में महाराष्ट्र की जनता हमारे हाथ सौंपेगी सत्ता

राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में पार्टियों को तोड़ने का जो सिलसिला चल रहा है, उसे अंजाम देने वालों को 2024 के चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पडेगी। उन्होंने कहा कि आज जिनके हाथ में हुकुमत है वह जुल्म कर रहे है और हमारे जैसे विपक्ष में बैठे लोगों के खिलाफ जो कदम उठाए जा रहे है उसे जनता देख रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में जो कुछ भी हो रहा है उससे मुझे खुशी है क्योंकि जिन्होंने लोगों को वादा कर उनके वोट हासिल करने के बाद गलत रास्ते पर गए उनको इसकी भारी कीमत देनी पडेगी। राज्य की स्थिति बदलेगी। आने वाले विधानसभा चुनाव में वहां कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना (उद्धव गुट) गठबंधन के हाथों में जनता हुकूमत देगी। बैठक में पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, राष्ट्रीय सचिव जितेन्द्र आव्हाड, सांसद फौजिया खान, सांसद वंदना चव्हाण, केरल अध्यक्ष पीसी चाको सहित अन्य उपस्थित रहे।

शरद पवार की अध्यक्षता वाली ओरिजनल पार्टी


उधर पुणे में संविधान के जानकार एवं विशेषज्ञ प्रो उल्हास बापट ने कहा कि शरद पवार राष्ट्रीय अध्यक्ष वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस ही ओरिजिनल पार्टी साबित होगी। शिवसेना मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को भी समझना होगा, लेकिन अगर निर्वाचन आयोग के पास दावा किया गया, तो फैसला आने में विलंब हो सकता है। उन्होंने कहा कि शिवसेना विभाजन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह स्पष्ट है। उस समय जो कुछ भी हुआ, उसे असंवैधानिक घोषित कर दिया गया है। हालांकि विधायकों की अयोग्यता तय करने के लिए कोई रोक नहीं लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने स्पष्ट किया कि विधायक दल मूल नहीं है, बल्कि संगठन मूल दल है। 



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