हसन मुश्रीफ के खिलाफ कागल से चुनाव लड़ेंगे समरजीत सिंह, कर दी घोषणा
- सरकार में आए
- कम नहीं हुई हसन मुश्रीफ की दिक्कतें
- मुश्रीफ के खिलाफ कागल से चुनाव लड़ेंगे समरजीत सिंह
डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस के बागी नेता अजीत पवार के साथ राज्य सरकार में शामिल होने के बाद भी कोल्हापुर से कागल के विधायक हसन मुश्रीफ की दिक्कतें कम होती नजर नहीं आ रहीं। मुश्रीफ को कैबिनेट में शामिल किए जाने से ग्रामीण राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई। बीजेपी जिला अध्यक्ष समरजीत सिंह घाटगे मुश्रीफ के खिलाफ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। घाटगे नॉट रिचेबल हो गए थे। खुद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की, हालांकि उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह परिवार से चर्चा करेंगे और जल्द ही फैसला लेंगे।
समरजीतसिंह घाटगे ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में घोषणा की कि वह हसन मुश्रीफ के खिलाफ कागल से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। मुश्रीफ के मंत्रिमंडल में शामिल होने से बीजेपी के कोल्हापुर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष समरजीतसिंह घाटगे नाराज हैं। घाटगे ने कागल में जोरदार ताकत दिखाई और शक्ति प्रदर्शन किया। उनकी सभा में सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी दो दिन पहले ही उनकी देवेन्द्र फडनवीस से मुलाकात हुई थी। उन्होंने साफ किया कि वह बीजेपी में ही रहेंगे। घाटगे ने कहा, मैं गुलाबी कुर्ता पहनकर आया हूं। इसलिए मैं घोषणा करता हूं कि हमारी जीत का भूमिपूजन किया गया, वे न केवल लड़ेंगे बल्कि रिकॉर्ड अंतर से जीतेंगे। राज्य में जो कुछ हुआ है। हम सबको शपथ लेनी चाहिए, अक्टूबर 2024 को कागल को रिकॉर्ड अंतर से जीतना है। कल से कागल के परिवर्तन के लिए काम करना शुरू करें। परिवर्तन हो चुका है, अब सभी लोग मार्जिन तय करें, कागल का गढ़ हम हासिल करेंगे।
ईडी जांच मामले में मुश्रीफ को मिली राहत
कैबिनेट में शामिल होने के बाद राष्ट्रवादी के नेता हसन मुश्रीफ को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। मुश्रीफ को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने ईडी को अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। मुश्रीफ ने ईडी की ओर से दर्ज केस रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर जांच अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि हसन मुश्रीफ वर्तमान में कोल्हापुर के कागल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इसके अलावा वे ग्रामीण विकास और श्रम मंत्रालय में भी मंत्री रह चुके हैं।