हनी ट्रैप में फंसे पुणे के वैज्ञानिक पाक एजेंट को देने वाले थे ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी
- एटीएस के आरोप-पत्र में खुलासा
- पाक एजेंट को देने वाले थे ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी
- हनी ट्रैप में फंसे पुणे के वैज्ञानिक
डिजिटल डेस्क, पुणे। हनीट्रैप में फंसे डीआरडीओ वैज्ञानिक डाॅ. प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तान से ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी शेयर करने वाले थे। यह खुलासा एटीएस ने आरोप पत्र में किया है। आरोप पत्र के अनुसार कुरुलकर और पाकिस्तानी एजेंट जारा दासगुप्ता के बीच चैटिंग ब्रह्मोस के साथ अग्नि और रुस्तम मिसाइलों के बारे में चर्चा भी है। कुरुलकर ने ब्रह्मोस की संवेदनशील जानकारी देने की इच्छा जताई थी।
एटीएस ने विशेष अदालत में डॉ कुरुलकर के खिलाफ 1,837 पेज का आरोप पत्र दायर किया। छह खंडों की चार्जशीट में दासगुप्ता और कुरुलकर की बातचीत की प्रति संलग्न की है। कुरुलकर ने डीआरडीओ परियोजनाओं की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी जासूसको दी थी। यह जानकारी दुश्मन देश के हाथ लगने पर देश की सुरक्षा खतरे में पड़ने की आशंका थी।
"बेब' कहकर बुलाता था वैज्ञानिक
कुरुलकर और ज़ारा दासगुप्ता की सोशल मीडिया पर मुलाकात हुई थी। इसी के जरिये उसे हनीट्रैप में फंसाया गया। वह पाकिस्तानी एजेंट ज़ारा से बातचीत करते समय उसे 'बेब' कहकर बुलाता था। ज़ारा ने उससे पूछा था कि क्या ब्रह्मोस आपकी रिसर्च है? कुरुलकर ने तब उसे कहा था कि मेरे पास सभी ब्रह्मोस संस्करणों की कुछ प्रारंभिक डिज़ाइन हैं।" जारा ने उससे पूछा था "बेबी, यह एयर लॉन्च संस्करण है? क्या यह सुखोई 30 पर लगेगा? इस पर हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं। इस पर कुरुलकर ने 'हां' में जवाब दिया।
और आगे बताया कि 'हमारे पास अब सभी चार संस्करण हैं।' यह जानकारी आपको मेल द्वारा नहीं भेजी जा सकती। आप मुझसे व्यक्तिगत मिलें। कुरुलकर ने ज़ारा से कहा कि मैं तुम्हें ब्रह्मोस के बारे में जानकारी दूंगा।