नई शिक्षा नीति के लिए तैयारियां तेज
- प्री-प्रायमरी की किताब तैयार करने के लिए बनी उप-समिति
- अक्टूबर के पहले सप्ताह तक तैयार करें पाठ्यक्रम-शिक्षा मंत्री
डिजिटल डेस्क, मुंबई । अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी विद्यालयों में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। पाठ्यक्रम और दूसरी तैयारियों के लिए संचालन समिति गठित की गई है। इसी कड़ी में किंडर गार्डन यानी केजी/आंगनवाड़ी और पहली-दूसरी की पढ़ाई का प्रारूप तैयार करने के लिए उप-समिति के गठन को भी मंजूरी दी गई है। पाठ्यक्रम तैयार करने में शिक्षा विभाग विशेषज्ञों का सहयोग लेगा। इस साल के अंत तक नई शिक्षा के अनुरूप किताबें उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर की अध्यक्षता में शुक्रवार को अहम बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि उप-समिति प्रीस्कूल (बुनियादी शिक्षा) के लिए जरूरी पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने और नई शिक्षा नीति लागू करने में आ रही अड़चनों को दूर करने के सुझाव देगी। सरकार की कोशिश है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक इसकी रूपरेखा तैयार कर ली जाए।
चार चरणों में तैयारी
नई शिक्षा नीति की तैयारी चार चरणों में की जा रही है। बुनियादी शिक्षा, स्कूली स्तर, शिक्षक शिक्षा और वयस्क शिक्षा के लिए अलग-अलग योजना बनाई की जा रही है। उप-समिति में राज्य के तकनीकी शिक्षा के निदेशक और शिक्षाविद भरत अमलकर को जगह दी गई है।
छोटे बच्चे अच्छी तरह से सीखें ऐसा होगा पाठ्यक्रम-केसरकर
शिक्षा मंत्री केसरकर के अनुसार प्री-प्राइमरी स्तर के विद्यार्थियों के लिए राज्य में भी केंद्र सरकार की ओर से अनुमोदित पाठ्यक्रम के अनुसार किताबें तैयार की जाएंगी। इसमें रंग, आकार और संख्या आदि शामिल किए जाएंगे ताकि पहली बार स्कूल आने वाले बच्चे आसानी से सीख सकें। केसरकर ने समिति के सदस्यों से जल्द से जल्द पाठ्यक्रम तैयार करने की अपील की।