चाचा-भतीजे में गुप्त मुलाकात से गरमाई राजनीति
- पुणे के एक मशहूर उद्योगपति के बंगले पर हुई दोनों की गुप्त बैठक
- चाचा-भतीजे में गुप्त मुलाकात
- गरमाई राजनीति
डिजिटल डेस्क, पुणे. राष्ट्रवादी कांग्रेस के सुप्रीमों शरद पवार के खिलाफ बगावत कर शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार लगातार चाचा शरद पवार की नाराजगी दूर करने की कोशिश में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार शनिवार को पुणे के मशहूर कारोबारी के घर पर शरद व अजित की मुलाकात हुई। हालांकि इस गुप्त मुलाकात पर दोनों गुटों ने चुप्पी साध रखी है। यह बैठक पुणे के मशहूर कारोबारी अतुल चोरडिया के कोरेगांव पार्क स्थित बंगले में हुई। हालांकि खबर लिखे जाने तक बैठक का ब्यौरा नहीं मिल सका, मगर इस गुप्त बैठक ने प्रदेश के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।शरद पवार-अजित पवार की मुलाकात की खबर मीडिया में आने के बाद मीडियाकर्मी उद्योगपति अतुल चोरडिया के बंगले के बाहर जमा हो गए। गुप्त चर्चा के बाद पहले शरद पवार बंगले से बाहर निकले। उसके कुछ देर बाद अजित पवार की कार बंगले से बाहर निकलते समय गेट से टकरा गई पर वहां मीडियाकर्मियों को देख कार वहां रुके बगैर तेजी से आगे निकल गई।
बगावत के बाद पहले भी दो बार मिल चुके हैं अजित
राकांपामें विभाजन के बाद पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि शरद पवार-अजित पवार दोनों गुट एक हो जाएंगे। इसी बीच पवार चाचा-भतीजे के बीच मुलाकात हुई है। हाल ही में अजित पवार और शरद पवार पुणे में एक कार्यक्रम में एक मंच पर थे, लेकिन दोनों नेता मंच पर एक-दूसरे से बात करने से बचते रहे। अजित पवार के सत्ता में भागीदारी के फैसले के बाद राष्ट्रवादी के दिग्गज एवं शरद पवार समर्थक नेताओं ने अजित दादा का समर्थन करते हुए सरकार में मंत्री पद की शपथ ले ली।इसके बाद बीते जुलाई में अजित पवार ने अपने गुट के विधायकों के साथ मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में जाकर शरद पवार से दो बार मुलाकात की थी। उस वक्त राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि यह बैठक इसलिए की गई ताकि शरद पवार हमें आशीर्वाद दें और पार्टी में कोई विभाजन न हो। हाल ही में शरद पवार ने दोहराया है कि वे किसी भी सूरत में भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। हालांकि शनिवार को अजित पवार-शरद पवार की मुलाकात ने राकांपा नेताओं-कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा दिया है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अजित इस लिए भी बार-बार शरद पवार से मिल रहे हैं जिससे पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के बीच संदेश जाए कि उन्होंने पार्टी में विभाजन रोकने के लिए अंतिम समय तक प्रयास किया।
अभी खाली नहीं है मुख्यमंत्री की कुर्सीः अजित पवार
शनिवार को पुणे में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि, देवेंद्र फडणवीस और मेरी मुख्यमंत्री पद पर नजर है, ऐसी चर्चा हो रही है और खबरें चलाई जा रही है। लेकिन कुर्सी एक है और उस पर पहले से एक सज्जन विराजमान हैं। फिर दोनों की उसी कुर्सी पर नजरें हैं, यह कहना सही नहीं है। मूल रुप से तब जब मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली नहीं है।वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें पटोले ने कहा था कि दोनों उपमुख्यमंत्रियों अजित व फडणवीस की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।
अजित ने कहा कि हम दोनों (अजित-फडणवीस) मुर्ख नहीं हैं किमुख्यमंत्री की एक कुर्सी पर नजर रखें। अजीत पवार ने कहा कि तबीयत खराब होने के कारण मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।इस दौरान अजित ने कहा कि 15 अगस्त को पुणे में ध्वजारोहण अजीत दादा करेंगे या चंद्रकांत दादा करेंगे? इसका क्या अर्थ है? पुणे में वर्षों से 15 अगस्त को राज्यपाल ध्वजारोहण करते आ रहे हैं। अजीत पवार ने स्पष्ट किया कि हमारे बीच कोई विवाद नहीं है। मैं इस राज्य के वित्तमंत्री के तौर पर काम की समीक्षा कर सकता हूं। फाइनल निर्णय मुख्यमंत्री शिंदे का रहता है। राधेश्याम मोपलवार भी बैठक में मौजूद थे, लेकिन कुछ लोग अलग तरह की खबरें चलाते हैं। ऐसा हुआ, वैसा हुआ. आप लोगों को क्या परेशानी है? अगर राज्य की समस्या, मेट्रो की समस्या का समाधान हो रहा है तो आपको क्या परेशानी है?