अब पोल्ट्री व्यवसाय करने वालों ने दी सड़क पर उतरने की चेतावनी
- सरकार का फैसला लागू हो
- खाद्य निर्माण कंपनियों को चेतावनी
- पिछले पंद्रह वर्षों से आर्थिक संकट में किसान
डिजिटल डेस्क, पुणे। मुर्गियों के फूड बैग को लेकर सरकार का फैसला लागू नहीं किया गया, तो राज्य में पोल्ट्री व्यवसायी किसान सड़कों पर उतरने वाले हैं। राज्य पोल्ट्री योद्धा महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष शरद गोडांबे ने बताया कि पोल्ट्री प्रोफेशनल्स ने पशुपालन विभाग और खाद्य निर्माण कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे पशु खाद्य की गाड़ियों को चलने नहीं देंगे। पोल्ट्री किसान पिछले पंद्रह वर्षों से आर्थिक संकट में हैं। किसान कंपनियों के मनमाने प्रबंधन से तंग आ चुके हैं। आए दिन किसानों के साथ धोखाधड़ी बढ़ रही है।
पोल्ट्री व्यवसायियों की विभिन्न मांगों को लेकर हाल ही में पशुपालन विभाग को लिखित ज्ञापन दिया गया था. जिसमें कहा गया कि सरकार ने 14 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया और प्रत्येक कंपनी को फीडबैग पर भोजन की सामग्री और अन्य विवरण का उल्लेख करने का आदेश दिया था, लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया गया।
मुर्गीपालन की 80 प्रतिशत लागत चारे पर होती है। उपभोक्ता के रूप में प्रत्येक पोल्ट्री किसान को इसकी जानकारी मिलनी चाहिए कि फीड में क्या सामग्री मिलाई जा रही है। बाजार भाव बढ़ाने और घटाने की सारी साजिश कंपनियों की है। यदि संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो बंद का आह्वान किया जाएगा।
महाराष्ट्र के करीब नौ लाख किसानों ने कंपनियों के खिलाफ नाराजगी जताई है। गोडांबे ने कहा कि अगर सरकार ने कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की तो महाराष्ट्र में लाखों किसान सड़कों पर उतरेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे।