ऐलान: महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल से मरीजों को निजी अस्पताल रैफर नहीं किया जाएगा

  • अटल निःशुल्क महा आरोग्य शिविर के उद्घाटन पर घोषणा
  • स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.तानाजी सावंत की घोषणा
  • सरकारी अस्पताल से मरीजों को निजी अस्पताल रैफर नहीं किया जाएगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-05 15:38 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। महाराष्ट्र में सरकारी अस्पताल निश्चित रूप से गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करते हैं। वहां काम करने वाले डॉक्टरों की गुणवत्ता निजी अस्पतालों से बेहतर है। इसलिए सरकारी अस्पतालों का कोई भी विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों को निजी अस्पतालों में 'रेफर' नहीं करेगा। सरकारी अस्पतालों में 'नो रेफरेंस' के संबंध में नीतिगत निर्णय लिया गया है और इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। यदि कोई डॉक्टर 'रेफर' करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.तानाजो सावंत ने बताया कि राज्य सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि मरीजों को एक ही जगह पर इलाज मिले।

पिंपरी चिंचवड़ शहर के जननायक दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप की प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर भाजपा शहर अध्यक्ष शंकर जगताप की पहल पर सांगवी के पी डब्लू डी मैदान में आयोजित तीन दिवसीय'अटल महाआरोग्य नि:शुल्क शिविर' का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री ने किया। उन्होंने आगे कहा, महाराष्ट्र में कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों को प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करनी चाहिए। रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से कैंसर जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है।

केवल प्रशासन पर निर्भर नहीं है बल्कि सरपंच, ग्राम पंचायत से लेकर सभी लोगों की जिम्मेदारी हैं। जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन, सरकार और लोगों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। इस मौके पर प्रतिनिधि के रूप में बलिराम महापुरे, दिलीप सोनकांबले, वाजिद मंडल इन दिव्यांगों को जरूरी सामग्री प्रदान किया गया।

सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा कि, महाराष्ट्र में कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसकी वजह है अशुद्ध जलापूर्ति। अत: नगर निगम प्रशासन को जल आपूर्ति एवं नदी संरक्षण हेतु जल शोधन संयंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है। अटल महाआरोग्य शिविर के माध्यम से कई परिवारों को हिम्मत मिली है। यह सही मायने में लक्ष्मण जगताप को श्रद्धांजलि है।

पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त शेखर सिंह ने कहा कि दिव्यांगों के लिए पूरे साल इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाएं लागू की गयी हैं। जिजाऊ क्लिनिक शुरू किए गए हैं। शहर में नागरिक स्वास्थ्य के लिए 1500 से ज्यादा चिकित्साकर्मी काम कर रहे हैं। इस शिविर में प्रसिद्ध सरकारी एवं निजी अस्पतालों ने भाग लिया है। मनपा प्रशासन के भोसरी, अकुर्डी और जीजामाता अस्पतालों को महात्मा फुले जन आरोग्य योजना में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे अधिकतम मरीजों को लाभ होगा. हम स्वास्थ्य पर नगर निगम प्रशासन के कुल बजट का 10 प्रतिशत से अधिक खर्च कर रहे हैं। 

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