एनसीपी विधायक ने बताई इनसाइड स्टोरी, कहा - पटेल-सुले- कोल्हे दिखे तो लगा साहब की रजामंदी है

  • एनसीपी विधायक ने बताई इनसाइड स्टोरी
  • शपथ ग्रहण से पहले क्या हुआ था

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-04 15:54 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे, संतोष मिश्र। मावल के विधायक सुनील शेलके के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस के एक और विधायक ने राज्य की सियासत में हुए महाड्रामा को लेकर खुलासा किया है। रविवार को शपथ ग्रहण समारोह से पहले अजीत पवार के सरकारी बंगले देवगिरी की इनसाइड स्टोरी बताते हुए अहमदनगर से राष्ट्रवादी के विधायक डॉ. किरण लहामटे ने कहा कि, बैठक में प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अमोल कोल्हे को देखकर लगा था कि जो कुछ हो रहा है, उसके लिए शरद पवार की रजामंदी है। मगर बाद में उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बाद हम धर्मसंकट में फंस गए हैं।

विधायक डॉ. लहामटे अजीत पवार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले हुई बैठक में भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण से पहले शनिवार रात 10 बजे अजीतदादा का फोन आया। उन्होंने अगले दिन मिलने बुलाया। मैं रविवार को तड़के ही घर से निकला और मुंबई पहुंच गया। वहां मेरी मुलाकात अपने कुछ साथियों से हुई। वहां से 9 बजे हम देवगिरि बंगले पर गए। अजित से कुछ विषयों पर चर्चा हुई। इसके बाद अंदर कई कुर्सियां दिखीं। इस दौरान वहां विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल भी दिखाई दिए। बैठक 11 बजे निर्धारित थी, लेकिन 12 बजे भी शुरू नहीं हो सकी।

अजित दादा ने कहा-क्षेत्र में विकासकार्य करवाने हैं

दोपहर एक बजे अजित आए। उन्होंने मुझसे पूछा कि आपके विधानसभा क्षेत्र में कितने विकास कार्य लंबित हैं। विकास कार्यों की जानकारी लेने के बाद अजित ने कहा कि अगर ये सब काम पूरे करने हैं, तो सत्ता में आना होगा। प्रफुल्ल पटेल, वलसे पाटिल और कई अन्य नेता भी वहां मौजूद थे। इसलिए मैंने सोचा कि बड़े साहब मान गए होंगे। फिर हम अंदर गए और एक स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद जब मैं बाहर आया, तो मैंने देखा कि सुप्रिया सुले और अमोल कोल्हे वहां अकेले में कुछ बात कर रहे थे। तभी मैंने सुना कि अजित शाम 6 बजे शपथ लेने वाले हैं। सोचा नहीं था कि इतनी जल्दी सब कुछ हो जाएगा। फिर हम अंदर गए और सूरज चव्हाण से मिले, उनसे पूछा कि क्या शरद पवार इसके लिए सहमत हैं? उन्होंने कहा कि शायद सहमत है। थोड़ी देर वहां बैठने के बाद मैसेज आया कि राजभवन पहुंचना है। यह भी पता नहीं था कि शपथ कौन लेगा। शपथ ग्रहण समारोह के बाद जब मैं राजभवन से बाहर निकला और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की प्रतिक्रिया सुनी, तो एहसास हुआ कि जो कुछ हुआ उस पर साहब (शरद पवार) की मंजूरी नहीं है। इसके बाद तो मैं धर्मसंकट मे फंस गया कि अब किसके साथ जाऊं? विधायक डॉ. लहामटे ने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों से चर्चा करने के बाद अंतिम फैसला लूंगा। 

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