पहले टीकाकरण में जिन मवेशियों को अलग रखा, अब उन्हीं में फैला लंपी का प्रकोप

राज्य के पशु संवर्धन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-24 13:33 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। मवेशियों में फिर से फैलते जा रही लंपी बीमारी ने सूबे के पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है। गुरुवार को पुणे दौरे पर आए राज्य के पशु संवर्धन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मीडिया से की गई बातचीत में इस मसले पर कहा कि, राज्य के दस जिलों में पशुओं में लम्पी बीमारी का प्रकोप फिर से बढ़ रहा है और इसे नियंत्रित करने के लिए टीके की दूसरी खुराक दी जा रही है। अब तक 70 फीसदी पशुओं को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। राज्य और केंद्र सरकार के वैज्ञानिकों और अधिकारियों को यह परीक्षण करने के लिए राज्य में भेजा गया है कि जानवरों में एक नए प्रकार का वायरस पैदा हुआ है या नहीं। राज्य सरकार इस बीमारी को रोकने की पूरी कोशिश करेगी।

उन्होंने कहा, ''राज्य में सोलापुर नगर हिंगोली सांगली समेत दस जिलों में गांठ की घटनाएं फिर से बढ़ने लगी हैं। पिछली बार केंद्र सरकार और वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक टीकाकरण के पहले चरण में गर्भवती पशुओं और छोटे बछड़ों को बाहर रखा गया था। इसलिए, इस बीमारी का वर्तमान प्रचलन इस आयु वर्ग के जानवरों में अधिक है। इसके लिए 50 टीकाकरण केंद्र शुरू किए गए हैं और अब तक 70 फीसदी पशुओं को टीका लगाया जा चुका है। रोग के प्रकोप की समीक्षा करने के लिए पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, नागपुर के वैज्ञानिकों के साथ-साथ शिरवल और मुंबई में पशु चिकित्सा महाविद्यालयों के वैज्ञानिकों को क्षेत्र में भेजा गया है। वही केंद्र सरकार के अधिकारियों की टीम भी मैदान में उतर आई है और यह भी परीक्षण कर रही है कि क्या किसी नए प्रकार के वायरस का पता चला है। राज्य सरकार बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद राज्य के किसानों में असंतोष फैल गया है। जगह जगह सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है। इस बीच किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने नाफेड से 2410 रूपये प्रति क्विंटल पर प्याज खरीदने का फैसला किया। हालांकि कई जगहों पर यह खरीदारी गुरुवार को भी नहीं हो सकी, क्योंकि यह दर अपर्याप्त बताई जा रही है। नासिक जिले में किसानों ने बाजार समितियां बंद कर दीं। इस पर विखे ने कहा, ''यह फैसला हालिया लिया गया है और इसके लिए प्रक्रिया लागू करने के लिए कुछ समय देना होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर और अधिकारियों की नियुक्ति के बाद अगले दो-तीन दिनों में प्याज की खरीद सुचारू हो जाएगी। पिछले सीजन में प्याज की कीमतों में गिरावट के बाद राज्य सरकार ने प्याज पर सब्सिडी देने का फैसला किया था। इससे किसानों को निश्चित तौर पर फायदा हुआ है, जिसके मुताबिक अब जो खरीद बिना भुगतान के हो रही है उससे भी किसानों को फायदा होगा, अगर किसानों के बीच कोई गलतफहमी है तो राज्य सरकार उसे दूर करने का काम करेगी।

राष्ट्रीय सहकारी विकास परिषद ने प्रदेश की छह शुगर फैक्टरियों को 550 करोड़ रुपये का ऋण दिया है। इस संबंध में, राज्य के वित्त विभाग ने सहकारी विभाग के माध्यम से इन कारखानों पर कुछ दमनकारी शर्तें लगाई हैं। ये सभी फैक्ट्रियां बीजेपी नेताओं की हैं। इससे उनके लिए कर्ज लेना मुश्किल हो जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर विखे ने कहा, ''यह कर्ज लेते समय परिषद ने राज्य सरकार से गारंटी मांगी थी। तदनुसार, शर्तें तभी तय की गईं जब मामले पर कैबिनेट के समक्ष चर्चा हुई। चूँकि यह एक ऋण है, इसका भुगतान कारखानों को करना होगा। उसके लिए शर्तें पूरी करनी होंगी। हालाँकि, यदि एक या दो स्थितियाँ दमनकारी हैं, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार के साथ चर्चा के बाद समाधान निकाला जाएगा।

Tags:    

Similar News