सांसद सुप्रिया का निशाना: परिवार, पार्टी में फूट डालना, ईडी-सीबीआई-आईटी की कार्रवाइयों में मग्न है केंद्र सरकार
- ज्वलंत मसलों और विकास की ओर ध्यान देने की फुर्सत कहां
- सांसद सुप्रिया का केन्द्र पर निशाना
डिजिटल डेस्क, पुणे। केंद्र की भाजपा सरकार परिवार, पार्टी में फूट डालना, ईडी, सीबीआई, आईटी की कार्रवाइयों में ही मग्न है। अगर कोई केंद्र सरकार या भाजपा के खिलाफ कुछ कहता है तो उसके खिलाफ कुछ न कुछ साजिश करते हैं। वे पार्टियों को तोड़ने, सीबीआई, ईडी में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास ज्वलंत मसलों और विकास के लिए समय नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रेस की सांसद सुप्रिया सुले ने बारामती में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसी चैनल पर प्रतिबंध लगाना सत्ता का दुरुपयोग करने और उत्पीड़न को बढ़ाने का एक और जीवंत उदाहरण है। सुले ने कहा, उन्हें पार्टी तोड़ने की बजाय विकास पर ध्यान देना चाहिए। देश और प्रदेश में अनेक विषय हैं। मणिपुर, कनाडा, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे हैं मगर बीजेपी साजिश रचने से बाज नहीं आ रही है।
बारामती में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का लोकसभा का चुनाव सुले के खिसाफ लड़ने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे यहां लोकतंत्र है, अब पूरा देश देखता है कि दिल्ली में कैसे हूकूमशाही चल रही है, लेकिन हमारे यहां लोकतंत्र है। मुझे ऐसा लगता है, मेरे खिलाफ कोई न कोई लड़ने वाला है, ये हम सब जानते हैं, उन्हें सम्मान मिलना चाहिए, बीजेपी तीन बार मेरे खिलाफ लड़ चुकी है, इस बार भी कोई लड़ेगा, मैं लोकतंत्र का तहे दिल से स्वागत करता हूं, ये लोकतंत्र जिंदा रहे, टिका रहे, इसलिए सभी को चाहिए कि ऐसे फैसले का पूरी ताकत से स्वागत करें।
सुले ने कहा कि मराठा, धनगर, लिंगायत और मुस्लिम समुदाय कई वर्षों से आरक्षण की मांग कर रहे हैं। आरक्षण के मुद्दे पर संसद के पांच दिवसीय सत्र में कम से कम एक दिन चर्चा होनी चाहिए थी, महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा नहीं हुई, पांच दिवसीय सत्र चार दिन में ही निपटा दिया गया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। महिला विधेयक पेश किया, लेकिन बाद में एहसास हुआ कि यह धांधली थी, धोखा था। लोगों को इस सत्र से कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, बारामती लोकसभा क्षेत्र सहित राज्य के सामने सूखा, बेरोजगारी, महंगाई, कश्मीर, मणिपुर का मुद्दा गंभीर है, कई चुनौतियां हैं, बड़ी चुनौतियां होने पर मैं भाजपा की साजिशों से आश्चर्यचकित नहीं हूं।
जब उनसे पूछा गया कि नागपुर में देवेंद्र फड़नवीस की कार रोकने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अब सभी को नागपुर के लोगों की मदद के लिए दौड़ना चाहिए, लेकिन एक बात तय है कि बीजेपी नेतृत्व पार्टी तोड़ने, घर तोड़ने में और सरकारी एजेंसियों का उपयोग करने इतना व्यस्त है कि उनके पास ज्वलंत मसलों और विकास के लिए समय नहीं है।