पहले किया बेटी के बयान का समर्थन फिर भतीजे की घरवापसी पर दिखाई ' नो एंट्री'

शरद पवार के बयान से सियासी गलियारों में भ्रम का माहौल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-25 12:33 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस के हाईकमान शरद पवार द्वारा शुक्रवार को बारामती और सातारा में दिए गए अलग अलग बयानों से सूबे के सियासी गलियारों में भ्रम का माहौल बन गया है। कल पुणे में पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने राष्ट्रवादी कांग्रेस में फूट की बात से इंकार करते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को अपना नेता बताया था। आज बारामती में शरद पवार ने सुले के बयान का समर्थन किया और पार्टी में फूट पड़ी ऐसा क्यों नहीं कहा जा सकता यह भी विषद किया। इस बयान पर खासा हंगामा मचा। इसके बाद तुरंत सातारा में शरद पवार न केवल अपने बयान से मुकर गए बल्कि अजित पवार की घरवापसी की चर्चाओं पर यह कहकर 'नो एंट्री' का बोर्ड दिखा दिया कि, बार -बार माफी नहीं मांगी जा सकती न बार - बार माफ किया जा सकता है।

बीते दिन सांसद सुप्रिया सुले ने पुणे दौरे में संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में यह कहकर खलबली मचा दी कि, अजित पवार अभी भी हमारे नेता हैं। राष्ट्रवादी में कोई फूट नहीं पड़ी है। किसी नेता द्वारा अलग भूमिका ली गई तो इसका मतलब पार्टी में फूट पड़ी ऐसा नहीं कहा जा सकता। लोकशाही में यह उनका अधिकार है। उनके इस बयान ने सभी को चौंका दिया। आज बारामती में रहे शरद पवार से इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने भी राष्ट्रवादी में कोई फूट नहीं पड़ी है। फूट पड़ने का मतलब पार्टी से एक बड़े गुट का अलग होना होता है। राष्ट्रवादी में ऐसे कोई हालात नहीं आए। यह कहकर शरद पवार ने भी अजित पवार को अपनी पार्टी का नेता बताया। उनके इस बयान पर सियासी गलियारों में भ्रम का माहौल बन गया है। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेताओं ने फिर शरद पवार से अपना रुख साफ करने को कहा है।इसके चंद घंटे बाद सातारा में मीडिया से की गई बातचीत में राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, एक बार तड़के का शपथ समारोह हुआ। यह दो लोगों की शपथ विधि थी। हममें से एक ने भी इसमें सहभाग लिया। उसी वक्त हमने तय कर लिया था। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैंने जो किया वह ठीक नहीं है, अब मैं उस रास्ते पर नहीं जाऊंगा। तब हमने उन्हें मौका दिया। हालांकि माफी बार - बार मांगी नहीं जाती न ही माफी बार - बार दी जा सकती है। यह कहकर अजित पवार को लेकर शरद पवार ने अपना कड़ा रुख पेश किया है। साथ ही उनकी इस भूमिका ने अजित पवार की घरवापसी पर नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है।

पिछले कुछ दिनों से प्याज का मुद्दा गरमाया हुआ है. किसानों ने राज्य के कई स्थानों पर नीलामी प्रक्रिया को यह कहते हुए रोक दिया कि केंद्र सरकार ने प्याज की खरीद मूल्य की घोषणा तो कर दी है, लेकिन वे उसके अनुरूप खरीद नहीं कर रहे हैं। विपक्षी महाविकास अघाड़ी के नेता प्याज के मुद्दे पर शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार को दुविधा में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्याज मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा की गई आलोचना का जवाब दिया है। केंद्र सरकार ने प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया है। इसके बाद प्याज किसानों के आक्रामक होने के बाद सरकार ने 2,410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने का फैसला किया। इसके बाद शरद पवार ने मांग की कि सरकार को 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्याज खरीदना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, शरद पवार महान नेता हैं। वह 10 साल तक देश के कृषि मंत्री रहे। उस समय भी ऐसी स्थिति पैदा हुई थी. लेकिन, संकट के दौरान उन्होंने प्याज को लेकर ऐसा कोई फैसला नहीं लिया, ऐसी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने आलोचना की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा की गई आलोचना का अब शरद पवार ने जवाब दिया है।

''शरद पवार, सुप्रिया सुले जल्द ही मोदी सरकार को समर्थन देंगे''। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने हालिया यह बयान दिया। इस पर शरद ने कहा कि “मैं उन्हें हाल ही में जानने लगा हूं। आमतौर पर इस पद पर जाने वाले व्यक्ति का बोलने के दौरान संतुलन बनाए रखना होता है। मैंने उनका एक वक्तव्य पढ़ा कि हमें कुछ लोगों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। अगर कल को वे अपने सहकर्मियों की आलोचना करेंगे तो शायद बात करेंगे। लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्हें उन लोगों की आलोचना करने की ज़रूरत क्यों महसूस होती है जो हमारी पार्टी छोड़ चुके हैं। इस संबंध में मार्गदर्शन किसने मांगा है? उनके कहने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए, हमें उन लोगों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए जो अच्छा नहीं बोलते हैं”।

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