अनुदान जब्त- प्रस्ताव अस्वीकृत: फल फसल बीमा योजना का लाभ उठानेवालों को कृषि आयुक्तालय ने सिखाया सबक

  • फल फसल बीमा योजना
  • कृषि आयुक्तालय ने सिखाया सबक
  • साढ़े 14 हजार प्रस्ताव अस्वीकृत
  • साढ़े 13 करोड़ का अनुदान जब्त

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-16 12:50 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। फलों की फसल की खेती न होने पर भी बीमा योजना का लाभ लेने, दूसरे किसान के खेत पर किरायेदारी समझौता दिखाकर उसकी जानकारी के बिना बीमा निकालने, फलों की फसल की खेती से अधिक क्षेत्र के लिए बीमा का लाभ लेने, फलों की फसलों का उत्पादन नहीं हुआ, उस क्षेत्र के लिए बीमा का लाभ लेने जैसे कई मामले समस्त राज्य में पाए गए हैं। ऐसे अपात्र एवं फर्जी बीमा के 14 हजार 570 प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिये गये हैं तथा कृषि विभाग ने साढ़े 13 करोड़ रूपये का बीमा लाभ जब्त कर लिया है। इससे फल फसल बीमा योजना का फर्जी लाभ उठाने वालों को बड़ा सबक मिला है।

राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फलों की फसलों के प्रमुख मौसम में दो वर्षों के दौरान संतरा, आम, नींबू, चना, अमरूद, सीताफल, अंगूर, आम, काजू, पपीता, स्ट्रॉबेरी, अनार, केले जैसी प्रमुख फसलों के लिए विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इस योजना में भाग लेने वाले किसानों के बगीचों का सीधे निरीक्षण करने के लिए कृषि विभाग और बीमा कंपनियों ने संयुक्त धड़क अभियान चलाया। इसमें फर्जी बीमा आवेदनों के चौंकाने वाले रूपों का खुलासा हुआ। कृषि विभाग की इस कार्रवाई से केंद्र और राज्य सरकार को दो वर्षों में अंबिया बहार सीजन में 51 करोड़ 87 लाख रुपये और मृग बहार सीजन में 44 करोड़ 57 लाख रुपये की कुल 96 करोड़ रुपये की बीमा प्रीमियम सब्सिडी की बचत हुई है।

अपात्र बीमा आवेदन किस्तों के कारण जब्त की गई राशि केंद्र सरकार के तकनीकी विकास कोष में जमा की जाएगी। इसलिए फल फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को बड़ा झटका लगा है और जिन किसानों ने ईमानदारी से इस योजना में भाग लिया, वे अपनी संतुष्टि जाहिर कर रहे हैं। कृषि विभाग की इस कार्रवाई का खामियाजा फल फसल बीमा योजना में गलत तरीके से भाग लेने वालों पर पड़ा है। इसके चलते पिछले साल के मृग बहार सीज़न की तुलना में, इस सीज़न में दायर किए गए बीमा आवेदनों की संख्या में 40 हजार की कमी आई है। बीमा संरक्षित क्षेत्र में भी 28 हजार 587 हेक्टेयर की कमी आई है और केंद्र व राज्य सरकार के 44 करोड़ 57 लाख रुपये की बचत हुई है।

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