सियासत: रोहित पवार के बाद सुप्रिया सुले ने दिए में पुणे की सियासत में सक्रिय होने के संकेत

  • पुणे की सियासत में सक्रिय होने के संकेत
  • रोहित पवार के बाद संकेत सुप्रिया सुले ने दिए
  • राष्ट्रवादी में विभाजन के बाद अजीत पवार के प्रभाव क्षेत्रों में शरद पवार गुट की बढ़ी दखलंदाजी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-16 12:45 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे, संतोष मिश्रा। राष्ट्रवादी कांग्रेस में विभाजन के बाद पार्टी के दोनों गुट (शरद पवार और अजीत पवार) के आला नेता जो पहले एक दूसरे क्षेत्र में दखलंदाजी से बचते रहे अब समूचे राज्य भर के चुनाव क्षेत्रों में ध्यान देने लगे हैं। इसी क्रम में शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई एवं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के प्रभाव वाले पुणे शहर की सियासत में सक्रिय होने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। उनसे पहले उनके भतीजे विधायक रोहित पवार ने अपने चाचा अजीत पवार के गढ़ पिंपरी चिंचवड़ शहर के दौरे शुरू कर यहाँ की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। अजीत पवार के प्रभाव वाले पुणे में शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले और पिंपरी चिंचवड़ की राजनीति में विधायक रोहित पवार के सक्रिय होने से अजीत पवार गुट में संभ्रम की स्थिति बन गई है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सांसद सुप्रिया सुले ने बीती रात पुणे में गणेश कला क्रीड़ा मंच पर पुणे नवरात्रि उत्सव का उद्घाटन किया। यहाँ उन्होंने कहा कि, अब तक (राष्ट्रवादी कांग्रेस में विभाजन से पूर्व) राष्ट्रवादी कांग्रेस दो नेता पुणे में ध्यान दे रहे थे, इसलिए मैंने खडकवास को छोड़कर पुणे में कभी ध्यान नहीं दिया। अब जब यहां कई 'कारभारी' बदल गए हैं तो अब मुझे भी पुणे में काम करना होगा। आज संघर्ष मेरे सामने आ गया है, मैं हर हाल में इसे मात दूंगी। गौरतलब है कि राष्ट्रवादी में विभाजन से पहले पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों में अजीत पवार का वर्चस्व रहा। इस कारण सांसद सुप्रिया सुले यहाँ तक कि खुद शरद पवार भी यहाँ दखलंदाजी से दूर रहे। अब जब पार्टी में दो गुट बन गए हैं, तब सांसद सुले ने पुणे की राजनीती में सक्रिय होने के संकेत दे दिए हैं।

सांसद सुप्रिया सुले से पहले पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ अजीत पवार के गढ़ में शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार खासे रूप से सक्रिय हो गए हैं। पार्टी में विभाजन के बाद से वे लगातार पिंपरी चिंचवड़ के दौरे कर रहे हैं। शरद पवार गुट के शहराध्यक्ष पद पर भूतपूर्व नगरसेवक तुषार कामठे जो चंद माह पहले ही भाजपा से राष्ट्रवादी में शामिल हुए की नियुक्ति और शहर के कद्दावर नेता एवं भूतपूर्व महापौर आजमभाई पानसरे के शरद पवार के समर्थन में आ जाने के बाद से विधायक रोहित पवार पिंपरी चिंचवड़ में आना जाना बढ़ गया है। यह भी माना जा रहा है कि वे शरद पवार गुट की ओर से मावल चुनाव क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। उनसे पहले इस चुनाव क्षेत्र से उनके चचेरे भाई और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार अपना नसीब आजमा चुके हैं, हालाँकि उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।

कुल मिलाकर शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार अपने चाचा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पिंपरी चिंचवड़ के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। वहीँ अब उनकी बुआ सांसद सुप्रिया सुले ने भी अजीत पवार के प्रभाव एवं वर्चस्ववाले पुणे की सियासत में सक्रिय होने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। इसके चलते दो धड़े में बंट चुके राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में संभ्रम की स्थिति निर्माण होना लाजिमी है। क्योंकि भले ही पार्टी में विभाजन हो चूका हो लेकिन है तो सभी एक ही परिवार में। ऐसे में किस नेता की खुलकर खिलाफत करें और किसका खुलकर समर्थन? कार्यकर्ताओं, ख़ासकर जो आनेवाले दिनों में चुनाव लड़ने की मंशा रखते हैं, के समक्ष यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। वहीं पुणे और पिंपरी चिंचवड़ की राजनीती में सक्रिय हुए सांसद सुप्रिया सुले और विधायक रोहित पवार दोनों मिलकर अजीत पवार के गढ़ में सेंध लगाने में किस हद तक सफल होंगे? इसकी उत्सुकता बढ़ गई है।

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