रैपुरा के आंगनबाडी केन्द्र की स्थिति बदहाल: आंगनबाडी में सभी जगह टपक रहा छतों से पानी, न लाईट कनेक्शन न पेयजल व्यवस्था
- रैपुरा के आंगनबाडी केन्द्र की स्थिति बदहाल
- आंगनबाडी में सभी जगह टपक रहा छतों से पानी
- न लाईट कनेक्शन न पेयजल व्यवस्था
डिजिटल डेस्क, रैपुरा नि.प्र.। कस्बे में स्थित आंगनबाडी केन्द्रों की स्थिति दयनीय है हालत यह है कि आंगनबाडी केन्द्रों में बिजली तक नहीं हैं न पंखे लगे हैं। पीने को पानी नहीं हैं जिससे पेयजल की व्यवस्था से दूरी से पानी लोकर ढोना पड रहा है। कई भवनों में बरसात का पानी टपकता है जहां बच्चे खड़े तक नहीं हो पाते। आंगनबाडी केन्द्र बालक शाला में जहां बच्चे बैठते हैं उस कमरे का छज्जा गिर गया है। गनीमत रही कि किसी बच्चे को हानि नहीं पहुंची लेकिन नीचे रखी थाली और बाल्टी टूट गई। बारिश में पानी भर जाता है तो बच्चों को घर जाना पड़ता है। इन सारी परेशानियों और आंगनबाडी केन्द्र की जर्जर स्थितियों को लेकर जब केन्द्र में मौजूद स्टॉफ से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हमें पानी दूसरे परिसरों से लाना पडता है, लाईट नहीं है। वहीं इस दौरान केन्द्र में मात्र आठ बच्चे ही मौजूद मिले। आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक ५२५ कन्या प्राथमिक विद्यालय में न तो पंखे है न बिजली की व्यवस्था है। यहां दस से पंद्रह बच्चे ही दर्ज है परंतु जब केन्द्र में देखा गया तो मात्र चार ही बच्चे मिले। आंगनबाडी केन्द्र हरिजन बस्ती में एक भी बच्चा नहीं मिला। सिर्फ दो रसोईया थीं। रसोई से पानी टपक रहा था। दीवालें जर्जर थीं। दो दीवारों में ज्वाईंट अलग हो गए थे।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, परियोजना अधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक में गई थी। उन्होंने बताया कि केंद्र में सहायिका नहीं है इसलिए केंद्र में बच्चे नहीं आए। शाहनगर ब्लॉक की प्रभारी परियोजना अधिकारी राजकुमारी सिंह रैपुरा के एक आंगनवाड़ी केंद्र में कार्यकर्ताओं की बैठक ले रही हैं। हमने वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि हमारे पास इतना बजट नहीं हैं। केंद्रों की स्थिति के बार में बताया कि हमने विभाग को भेजा है। जब उनसे पूछा गया कि सीलिंग गिर रही है पीने को पानी नहीं है अपने निरीक्षण में क्या देखा तो उन्होंने इन सब स्थितियों के लिए कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दिया सिर्फ बजट और विभाग को लेख कर दिया है। केन्द्र क्रमांक ५०२ जमुनिया में आंगनबाडी केन्द्र में बिजली नहीं हैं। आशा कार्यकर्ता प्रभा यादव दिव्यांग है बताती हैं किसी तरह पानी की व्यवस्था बच्चों के लिए करते हैं।
इनका कहना है
हमने लाइट कनेक्शन के लिए बिजली विभाग में पैसे जमा लिए हैं कनेक्शन करवायेंगे। जर्जर बिल्डिंगों से केंद्र हटाकर प्राइवेट बिल्डिंग में लगवाये जायेंगे।
ऊदल सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग पन्ना